नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रेलवे के लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। रेलवे ने स्थानांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के चलते नई स्थानांतरण प्रणाली शुरू की गई है। इसके तहत अब स्थानांतरण से संबंधित सभी आवेदन और नाम मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) पर डाल दिए जाएंगे। इससे कर्मचारियों के स्थानांतरण के समय भेदभाव नहीं होगा।
आदेशानुसार, रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने 13 लाख कर्मचारियों के लिए नई स्थानांतरण पॉलिसी तैयार की गई है, इसके तहत अब कर्मचारी अपने घर के आसपास ट्रांसफर आसनी से ले सकेगा। इसके लिए रेल मंत्रालय ने ट्रांसफर माड्यूल लागू किया है, इसके तहत रेलवे के सॉफ्टवेयर बनाने वाले संगठन सेंटर फोर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए एक अहम माड्यूल तैयार किया है,जिसे एचआरएमएस (NRMS) नाम दिया गया है। इसका सफल परीक्षण होने के बाद रेलवे बोर्ड ने 15 अगस्त से पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है।
रेलवे बोर्ड के अनुसार, इंटर जोनल और इंटर डिविजनल ट्रांसफर के लिए सभी एप्लीकेशन इसी के जरिये फाइल होंगी और पहले से जिसकी भी ट्रांसफर की एप्लीकेशन पेंडिंग है, उसे भी इस पर ही अपलोड किया जाएगा। किसी स्टाफ का ट्रांसफर का समय आने पर वह HRMS में ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। एक ही जगह के लिए दो आवेदन आने पर पहले वाले को वरीयता दी जाएगी। कर्मचारी के आवेदन पत्र पर सुपरवाइजर, ब्रांच अधिकारी और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी राय दे सकेंगे,लेकिन ट्रांसफर पर अंतिम निर्णय DRM या ADRM का ही होगा।
दरअसल, रेलवे के भी अलग-अलग तरह के ट्रांसफर होते हैं, संवेदनशील पद पर तैनात कर्मचारियों का 2 से 4 साल के बीच स्थानांतरण किया जाता है,ऐसे में कई कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि पहुंच वाले कर्मचारी अपने पद पर बने रहते हैं। उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों का समय से पहले स्थानांतरण कर दिया जाता है।वही जिस स्टॉफ की डिवीजन में तैनाती है, उसे डिवीजन में ही ट्रांसफर मिलता है।
न यदि कोई स्टाफ इंटर डिवीजन या इंटर जोनल ट्रांसफर चाहता है तो उसमें बड़ी दिक्कत होती है, हालांकि यदि कोई स्टॉफ म्यूचुअल ट्रांसफर कराने वाला मिल गया तो यह काम आसान हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर यह बहुत मुश्किल काम है। अब स्थानांतरण का आवेदन ऑनलाइन होने से इसकी जानकारी उन्हें मिल जाएगी। पहले आवेदन करने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदन पर कार्मिक व अन्य अधिकारी अपनी राय देंगे।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)