पुरानी पेंशन योजना पर बड़ी अपडेट, सीएम ने दिया ये आश्वासन, हड़ताल खत्म, कर्मचारियों को जल्द मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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Old Pension Scheme 2023 : राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद देशभर में इसकी बहाली की मांग उठ रही है। आगामी चुनावों से पहले केन्द्र हो या राज्य के सरकारी कर्मचारी इस मांग को लेकर सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। हाल ही में महाराष्ट्र के 17 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों भी नाराज होकर हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन सोमवार को सीएम एकनाथ शिंदे के साथ बैठक के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है।

सरकारी कर्मचारी संगठन के सचिव अविनाश दौन ने कहा कि सीएम शिंदे ने आश्वासन दिया है कि पुरानी पेंशन योजना भले ही लागू नहीं होगी लेकिन उन्होंने कर्मचारियों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया है। कर्मचारियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है,  आप सभी को पुरानी पेंशन योजना के बराबर ही फायदा मिलेगा। साथ ही पिछले सात दिनों में हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ की गई सभी कार्रवाई वापस ली जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को एक बार फिर हड़ताली कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की, जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों ने मंगलवार से काम पर लौटने की घोषणा की।

सीएम ओपीएस पर विधानसभा में देंगे बयान

आंदोलन के समन्वयक विश्वास काटकर ने बताया कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को प्रारंभिक स्तर पर मान लिया गया है। राज्य सरकार तीन महीने के भीतर मांगों को पूरा करेगी, इसलिए हम मंगलवार से हड़ताल वापस ले रहे हैं। सरकार हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक है और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा किया है, सरकार ने ऐसा लिखित आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री इस संबंध में राज्य विधानसभा में बयान देंगे। सरकार हड़तालियों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को भी वापस ले लेंगे। हम भी इस मुद्दे पर सरकार का पूरा सहयोग करेंगे।

डिप्टी सीएम भी दे चुके है सकारात्मक संकेत

बीते दिनों पुरानी पेंशन योजना के संदर्भ में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों क्या सरकार 2005 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले शिक्षकों एवं राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी या फिर उस पर कोई विचार कर रही है? जब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना लागू कर रहे हैं, तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? इस पर जबाव देते हुए वित्त मंत्री व उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा था कि हम पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ नहीं हैं, इस बारे में सरकार सकारात्मक है, लेकिन हमें राज्य के आर्थिक मामलों पर भी ध्यान देना होगा। बजट सत्र के समापन के बाद वह अधिकारियों और यूनियन्स के साथ बैठक करेंगे और किसी नतीजे तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।

2004 से बंद है पुरानी पेंशन योजना

साल 2003 में बीजेपी की तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया था। संबंधित आदेश एक अप्रैल 2004 से प्रभावी हो गया था। फडणवीस ने कहा था पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर सरकार पर करीब 50-55 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य में करीब 16 लाख 10 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निर्धारित पेंशन मिलती है। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50% राशि प्राप्त करने का हकदार है। साल 2030 तक महाराष्ट्र के 2.5 लाख से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मासिक वेतन से वर्तमान में कटौती की गई पेंशन राशि का कुछ हिस्सा पूंजी बाजार में निवेश किया गया है, जहां से हाई रिटर्न पाने की गुंजाइश होती है।

ओपीएस के फायदे

  1. पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस (Old Pension Scheme) में रिटायर्ड कर्मचारी को पेंशन की पूरी रकम सरकार देती थी।
  2. ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन जीवनभर सरकार की ओर से दी जाती है।
  3. साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है।
  4. पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके आश्रितों को भी पेंशन देने का ओपीएस में प्रावधान था।
  5. पेंशन कमीशन लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का भी फायदा रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
  6. 80 साल की उम्र पूरी होने पर उसकी पेंशन में भी 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है।
  7. 100 साल की उम्र पूरी होने पर पेंशन दोगुनी हो जाती है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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