EPFO VPF Limit 2024 : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र की मोदी सरकार ने ईपीएफओ के 6 करोड़ सदस्यों एक और बड़ी सौगात दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत वालंटियर प्रोविडेंट फंड (VPF) में टैक्स फ्री ब्याज के साथ निवेश की सीमा बढ़ा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केन्द्र सरकार आने वाले स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में टैक्स फ्री योगदान की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये से अधिक अर्जित कोई भी ब्याज टैक्स के तहत आता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय इस मामले को लेकर जांच कर रहा है, अभी इससे ज्यादा के निवेश पर जो ब्याज मिलता है वो टैक्सेबल है।इस फैसले का मकसद मध्यम वर्ग के लोगों को ईपीएफओ के जरिए ज्यादा बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे उन्हें अच्छा रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद मिलेगी।
सरकार कर रही है विचार!
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फाइनेंशिय ईयर 2025-26 की बजट चर्चाओं के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा की जा सकती है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि कर्मचारी EPF में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करें ताकि भविष्य में जब वे रिटायर हों तो उनके पास पर्याप्त पैसा हो। इससे पहले सरकार ने EPF में जमा की जाने वाली राशि पर ढाई लाख रुपये तक के निवेश को टैक्स फ्री किया था,हालांकि इससे ज्यादा पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होता है।
स्वैच्छिक भविष्य निधि क्या है?
- VPF वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा अनिवार्य ईपीएफ के अतिरिक्त किया जाने वाला एक वैकल्पिक निवेश है।
- जो कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट सेविंग बढ़ाने और अपने मूल PF जमा के समान ब्याज दर अर्जित करने की अनुमति देता है।
- EPF की तरह, VPF में योगदान भी चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से बढ़ता है, क्योंकि रिटर्न सालाना आधार पर जारी किया जाता है।यह भी ईपीएफओ के तहत ही आता है।
- VPF में पांच साल की न्यूनतम अवधि पूरी करने से पहले की गई कोई भी निकासी टैक्सेशन के अधीन हो सकती है।
- ईपीएफ की तरह, VPF फंड रिटायरमेंट, इस्तीफे या खाताधारक की मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर उनके नामित व्यक्ति को दिए जाते हैं।
- VPF में किए जाने वाला योगदान किसी कर्मचारी द्वारा उसके ईपीएफओ अकाउंट में किए गए 12% योगदान से ज्यादा है और अधिकतम योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% तक है। इस योजना के तहत ईपीएफ के समान ही ब्याज मिलता है।
पीएफ पर कितना मिलता है ब्याज
EPF पर ब्याज दर वित्त वर्ष 2022 के लिए 8.10%, वित्त वर्ष 2023 के लिए 8.15% और वित्त वर्ष 2024 के लिए 8.25% रही है। EPFO और VPF में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए का निवेश कर, 8.25% वार्षिक ब्याज दर के हिसाब से 30 साल में लगभग 3.3 करोड़ रुपये जमा किए जा सकते हैं। EPFO के पास 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का फंड है और इसमें 7 करोड़ से अधिक मासिक अंशदाता और 75 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं। कर्मचारी VPF में अधिकतम 100% तक का योगदान कर सकते हैं, जो उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर आधारित होता है। इसमें मिलने वाला ब्याज EPF के समान होता है, जो लंबे समय से 8% से अधिक की दर पर दिया जा रहा है।