EPFO : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर! बढ़ सकती है सैलरी लिमिट , सरकार कर रही है विचार, मिलेगा फायदा

वर्तमान में EPS पेंशन की गणना ₹15,000 तक की सैलरी पर आधारित है, लेकिन अगर वेतन सीमा ₹21,000 कर दी जाती है, तो पेंशन की गणना ₹21,000 पर आधारित होगी।

Pooja Khodani
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EPFO Salary Limit Hike : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के कर्मचारियों और खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र की मोदी सरकार नए साल 2025 में EPF के तहत वेतन सीमा को 15,000 से बढ़ाकर 21,000 या 25000 करने पर विचार कर रही है।अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन भी बढ़ सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के तहत एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है, इसके तहत केन्द्र सरकार  EPF के अंतर्गत वेतन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 या 25000 करने पर विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह EPF और EPS योगदान सीमा में तीसरी बार बढ़ोतरी होगी। इससे 75 लाख अतिरिक्त वर्कर्स इस योजना के दायरे में आ जाएंगे । वही रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन भी बढ़ने की संभावना है।

EPFO: किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

  • वर्तमान में ईपीएफओ के तहत न्यूनतम मूल वेतन सीमा 15,000 रुपये है । वेतन से पीएफ खाते के लिए 12% अंशदान काटा जाता है और इतनी ही राशि कंपनी पीएफ खाते में जमा करती है। नियोक्ता यानी कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जाता है, जबकि 3.67% पीएफ खाते में जमा होता है।
  • यदि सरकार EPF वेतन सीमा को ₹21,000 किया जाता है तो जिन कर्मियों की बेसिक सैलरी ₹15,000 से अधिक है, वे EPS योजना में शामिल हो सकते हैं। इसका लाभ 75 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।
  • यदि सरकार EPF वेतन सीमा को ₹21,000 तक बढ़ा देती है, तो जिन कर्मचारियों का बेसिक सैलरी ₹15,000 से अधिक है, वे EPS योजना में शामिल हो सकते हैं।
  • इससे पहले सैलरी लिमिट में संशोधन 2014 में किया गया था, जिसमें सरकार ने पीएफ वेतन सीमा 6500 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये कर दी थी।

कर्मचारियों/पेंशनरों को कितनी बढ़ेगी सैलरी पेंशन

  • वर्तमान में ईपीएफओ के तहत न्यूनतम मूल वेतन सीमा 15,000 रुपये है ।नियोक्ता यानी कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जाता है, जबकि 3.67% पीएफ खाते में जमा होता है। यदि किसी कर्मचारी का वेतन ₹15,000 तक है, तो 8.33% का योगदान EPS में ₹1,250 तक किया जाता है और बाकी का पैसा EPF में जमा होता है। यही ₹21,000 होने पर EPS में ₹1,749 तक योगदान किया जाएगा, जिससे EPF में जमा होने वाली राशि कम हो जाएगी।
  • वर्तमान में EPS पेंशन की गणना ₹15,000 तक की सैलरी पर आधारित है, लेकिन अगर वेतन सीमा ₹21,000 कर दी जाती है, तो पेंशन की गणना ₹21,000 पर आधारित होगी। यदि किसी कर्मचारी का पेंशन योग्य सेवा काल 30 साल है और वह 60 महीने में अधिकतर ₹15,000 से अधिक मिलती है, तो वर्तमान में उसकी पेंशन ₹6,857 प्रति माह होगी और  ₹21,000 प्रति माह की सैलरी के आधार पर पर उसे ₹9,600 प्रति माह पेंशन मिलेगी।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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