कर्मचारी को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा नियमित करने के आदेश, 45 दिनों में मिलेगा लाभ
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वर्ष 2022 में प्रार्थी की याचिका को एकल पीठ द्वारा खारिज किए जाने और जेपीएससी द्वारा उसे वर्ष 2010 में उसे हटाए जाने के आदेश को असंवैधानिक ठहराया।खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका को निष्पादित कर दिया। इस मामले में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सृष्टि सिन्हा एवं अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पैरवी की।
Contract Employees Regular : जेपीएससी में कार्यरत संविदा कर्मचारी को झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने संविदा कर्मी को 45 दिनों के भीतर नियमित करने का आदेश जेपीएससी को दिया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुखविलास उरांव की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।वही एकल पीठ के आदेश को गलत ठहराया है।
2014 से सेवा होगी नियमित, मिलेंगी सारी सुविधाएं
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संविदा पर नियुक्त कर्मी की सेवा 45 दिनों के भीतर नियमित करने का निर्देश जेपीएससी को दिया है,इसके साथ ही वर्ष 2014 से इनकी सेवा को नियमित मानते हुए इन्हें सारी सुविधा देने का निर्देश दिया है।झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वर्ष 2022 में प्रार्थी की याचिका को एकल पीठ द्वारा खारिज किए जाने और जेपीएससी द्वारा उसे वर्ष 2010 में उसे हटाए जाने के आदेश को असंवैधानिक ठहराया।खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका को निष्पादित कर दिया। इस मामले में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सृष्टि सिन्हा एवं अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पैरवी की।
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ये है पूरा मामला
दरअसल, सुखविलास उरांव की संविदा नियुक्ति वर्ष 2004 में जेपीएससी में दफ्तरी के पद पर हुई थी, लेकिन वर्ष 2010 में उसे हटा दिया गया और फिर से उसकी नियुक्ति संविदा पर की गई। इसके बाद सुखविलास ने अदालत का रूख किया और वर्ष 2010 में नौकरी से हटाए जाने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2022 में प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि सुखविलास संविदा पर कार्यरत हैं उसे हटाना या ना हटाना जेपीएससी पर निर्भर करता है और याचिका खारिज कर दी थी।
45 दिनों में मिलेगा लाभ
हाई कोर्ट से राहत ना मिलने के बाद प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट की खंडपीठ में अपील दाखिल की गई थी जिस पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने स्टेट ऑफ कर्नाटक वर्सेस उमा देवी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में प्रार्थी की नियुक्ति नियमित करने का आदेश दिया तथा वर्ष 2014 से उसे नियमित नियुक्ति की सारी सुविधाएं देने का निर्देश दिया। यह सारी प्रक्रिया पूरी करने के लिए हाई कोर्ट ने जेपीएससी को 45 दिनों का वक्त दिया है।