संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी, अब वेतन में होगी सालाना इतने प्रतिशत वृद्धि, कार्मिक विभाग का आदेश जारी

जिन कर्मचारियों ने एक जुलाई से तीस जून के बीच छह माह या इससे अधिक की सेवा दी है उन्हें प्रतिवर्ष एक जुलाई को पारिश्रमिक में बढोतरी का लाभ मिलेगा।

Pooja Khodani
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  1. राजस्थान की भजनलाल सरकार का संविदा कर्मचारियों को तोहफा
  2. वेतन हर साल 5 प्रतिशत बढ़ाने का किया ऐलान
  3. कार्मिक विभाग का नोटिफिकेशन जारी

Rajasthan Contract Workers Salary Hike: राजस्थान के संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी है। नए साल से पहले राज्य की भजनलाल सरकार ने संविदा कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने हर साल संविदा कर्मियों का वेतन 5 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया है।इसकी अधिसूचना भी कार्मिक विभाग ने जारी कर दी है।

दरअसल, नए साल 2025 से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के पारिश्रमिक में सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी।इसके लिए भजनलाल सरकार ने अशोक गहलोत सरकार के समय बनाए गए भर्ती नियमों पर संशोधन किया है। इसके तहत राजस्थान संविदा सिविल पदों पर नियुक्ति नियम, 2022 के नियम 13 के उपनियम (1) को बदला गया है। अब हर वर्ष संविदाकर्मियों के कार्य की समीक्षा कर 5% की वृद्धि की जाएगी।

किसे मिलेगा मानदेय वृद्धि का लाभ

राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार,  जिस संविदा कर्मचारी ने 1 जनवरी से 31 दिसम्बर के बीच 6 माह या इससे अधिक सेवा दी है, उन्हें 1 जनवरी को और जिन्होंने 1 जुलाई से 30 जून के बीच छह माह या इससे अधिक की सेवा दी है उन्हें प्रतिवर्ष 1 जुलाई को पारिश्रमिक में वृद्धि का लाभ मिलेगा।

क्या होगा फायदा

चुंकी कांट्रेक्चुअल हायरिंग सर्विस रूल्स में संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में हर वर्ष 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रावधान है।  राजस्थान सरकार के इस फैसले से संविदा कर्मियों को पात्र होने पर भी एक साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा । अब वे एक जनवरी से 31 दिसम्बर के बीच छह माह या इससे अधिक सेवा देने पर पारिश्रमिक में बढ़ोतरी का लाभ ले सकेंगे यानि मानदेय में अब सरकारी कर्मचारियों की तरह ही नियुक्ति तिथि के अनुसार बढ़ोतरी होगी।

 

संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी, अब वेतन में होगी सालाना इतने प्रतिशत वृद्धि, कार्मिक विभाग का आदेश जारी


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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