प्रोफेसरों-कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, रिटायरमेंट एज 2 वर्ष बढ़ी, 62 से बढ़कर हुई 64 वर्ष, ये होंगे लाभान्वित, फिर भी नाराजगी, जानें कारण?
खास बात ये है कि यह दूसरा मौका है जब कर्मचारियों की उम्र में वृद्धि की गई है। इससे पहले नगर निगम के डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया गया था और फिर 2 साल बढ़ाकर 62 साल कर दिया था और अब 2023 में अब एक बार फिर से उम्र 62 से 64 साल कर दिया गया है।
Professors Doctor Retirement Age Hike : हाल ही में महाराष्ट के बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के अस्पतालों में प्रोफेसर्स और डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज 2 साल बढ़ाई गई है। प्रशासन ने रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष से बढ़ाकर 64 वर्ष कर दी है। इसको लेकर बीएमसी ने एक परिपत्रक भी जारी किया है, लेकिन बावजूद इसके विरोध होने लगा है। कर्मचारियों जूनियर डॉक्टरों में नाराजगी है, वे इसे वापस लेने की मांग कर रहे है, वही सीनियर्स इसे फैसले से खुश है और इसे सकारात्मक बता रहे है।
बीएमसी ने 2 साल बढ़ाई रिटायरमेंट एज
दरअसल, हाल ही में केईएम, नायर, शिवा, कूपर और डेंटल कॉलेज के निदेशक, प्राचार्य और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु में नगर निगम प्रशासन, मुंबई द्वारा वृद्धि की गई है। इसे 62 साल से बढ़ाकर 64 साल कर दिया गया है।खास बात ये है कि यह दूसरा मौका है जब कर्मचारियों की उम्र में वृद्धि की गई है। इससे पहले नगर निगम के डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया गया था और फिर 2 साल बढ़ाकर 62 साल कर दिया था और अब 2023 में अब एक बार फिर से उम्र 62 से 64 साल कर दिया गया है।
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जानें किसे मिलेगा लाभ, किसे नहीं
- हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि मेडिकल सेंटर, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर, सह प्राचार्य और निदेशकों की सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि का निर्णय लिया गया। अब 64 वर्ष तक वह सेवा लाभ दे सकेंगे। 64 वर्ष की आयु के बाद उन्हें सेवानिवृत्त माना जाएगा।
- इससे नगर निगम के पास कॉलेज सेट गोवर्धन सुंदरदास मेडिकल कॉलेज के अलावा नेशनल मेडिकल कॉलेज, लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज, हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे मेडिकल में कार्यरत शिक्षक सहित कूपर अस्पताल और नायर डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
- यह फैसला चिकित्सीय रूप से योग्य शिक्षक के अलावा अन्य शिक्षकों और शारीरिक प्रशिक्षक सहित समान शिक्षकों पर लागू नहीं होगा। इसे 28 फरवरी से इसे प्रभावी किया गया है, सभी मेडिकल कॉलेज और लेखा प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि कर्मचारी इन निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
जानिए क्या है डॉक्टरों की नाराजगी का कारण
- नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी द्वारा प्रोफेसर्स डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज 64 वर्ष करने पर जूनियर्स डॉक्टरों ने नाराजगी जताई है। प्रशासन के इस फैसले का म्युनिसिपल मेडिकल टीचर्स असोसिएशन ने इसका कड़ा विरोध भी किया है और बीएमसी कमिश्नर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। उनका तर्क है कि बीएमसी अस्पतालों में वरिष्ठ शिक्षकों की कोई कमी नहीं है।
- वहीं वरिष्ठ डॉक्टर्स ने इस फैसले को सकारात्मक बताया है, उनका मानना है कि अगर प्रोफेसर 2 साल और सेवाएं देते है तो इससे अस्पताल को लाभ होगा, छात्रों को पढ़ाने के साथ वे मरीजों को भी सेवाएं दे सकते है, इससे भविष्य में होनेवाले प्रोफेसरों और सीनियर डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सकता है। वर्तमान में बीएमसी के मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी पोस्ट रिक्त हैं।
- बता दे कि केंद्रीय सरकार के अस्पतालों जैसे एम्स में प्रोफेसर्स की रिटायरमेंट एज 65 वर्ष है। इसके अलावा मुंबई के टाटा मेमोरियल में भी प्रोफेसर्स डॉक्टर्स, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में कार्यरत डॉक्टर्स की रिटायरमेंट एज भी 65 वर्ष है। वही राज्य सरकार के अस्पतालों के अलावा कई पड़ोसी राज्यों के सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट एज 64 वर्ष है।