Employees Old Pension Scheme : देश के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलेगा। एक तरफ जहां देश भर में देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ देश के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। दरअसल पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
8 सप्ताह के अंदर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं 8 सप्ताह के अंदर इस मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। वित्त मंत्रालय की 2003 की एक अधिसूचना और पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के 2020 के एक कार्यालय पत्र को खारिज कर दिया गया। जिसमें हाईकोर्ट द्वारा 1 जनवरी 2004 के विज्ञापन के अनुरूप केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित रखा गया था।
यह होंगे विकल्प
मार्च महीने तक CAPF कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकता है। यदि सरकार हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखती है तो CAPF के सभी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू होगी। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने की स्थिति में कर्मचारियों को एक बार फिर से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार और नीना बंसल कृष्ण की पीठ द्वारा 11 जनवरी को सीएपीएफ के 82 कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई। जिसमें कहा गया कि पुरानी पेंशन योजना केवल याचिकाकर्ता के मामले में लागू होती है लेकिन CAPF के सभी कर्मचारियों के मामले में भी लागू होती है। 8 महीने के भीतर इसके लिए आवश्यक आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
यह है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 22 दिसंबर 2003 की अधिसूचना और 17 फरवरी 2020 के कार्यालय ज्ञापन में साफ-साफ कहा गया था कि जिस वक्त एनपीएस को लागू करने का फैसला लिया गया था। तब देश के सशस्त्र बलों को एनपीएस के दायरे से बाहर रखा गया था। ऐसे में 22 जनवरी 2003 की अधिसूचना और 2020 के कार्यालय ज्ञापन को असली अर्थ में लागू किए जाने की जरूरत है।
पुरानी पेंशन योजना के लाभ
बता दे पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित पेंशन की राशि उन्हें उपलब्ध कराती थी। यह पेंशन उनके रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम से कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। हालांकि 1 अप्रैल 2004 को इसे बंद कर दिया गया था और राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरुआत की गई थी। जिससे कर्मचारी खासे नाराज थे।