Pensioners Pension, NPS, GPS : कर्मचारी-पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल उन्हें गारंटीड पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार का बड़ा फैसला लिया गया है। कर्मचारियों को सरकार के इस फैसले से बड़ी राहत मिलेगी। 4 वर्षों से सरकार से कर्मचारी अंशदायी पेंशन योजना को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
गारंटीड पेंशन योजना को लागू करने का फैसला
आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा अंशदायी पेंशन योजना की जगह गारंटीड पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया गया है। कैबिनेट नोट के अनुसार जीपीएस के तहत पेंशन भोगियों को उनके मूल वेतन के 20.3% के बजाय उनके अंतिम आवेदन का 50% के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
अंतिम आहरित वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा
जीपीएस पुरानी पेंशन योजना के समान है। जिसके तहत कर्मचारियों को अंतिम आहरित वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। कैबिनेट में कर्मचारियों के बराबर पेंशन भोगियों को भी महंगाई भत्ते की 2 किश्त देने का फैसला किया गया है। जो पेंशनभोगी पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं, उन्हें बढ़ा हुआ डीए मिल रहा है। सरकार जब इसमें संशोधन करेगी, वह इसके लिए पात्र हो जाएंगे।
यह होंगे नियम
वही कैबिनेट के फैसले के मुताबिक पेंशन भोगियों की आजीविका पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उनकी वित्तीय भलाई की रक्षा करने एक प्रयास किया गया है। मामले में राज्य के वित्त मंत्री राजेंद्रनाथ रेड्डी का कहना है कि जीपीएस किसी भी वजह से जुड़ी अनिश्चितता के बिना कर्मचारी और पेंशनर्स को अंतिम आदेश मूल वेतन के 50 प्रतिशत पर गारंटीड निश्चित पेंशन की पेशकश कर रही है। पेंशनर्स के लिए मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए जीपीएस में मुद्रास्फीति समायोजित महंगाई राहत को शामिल किया जाएगा।
प्रशासन का कहना है कि कर्मचारी संघ जीपीएस मॉडल से खुश है लेकिन पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। जीपीएस पुरानी पेंशन योजना की तरह ही है। इसमें 80% समानता है लेकिन कर्मचारियों की ओर से योगदान अभी भी है जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना पड़ता था।
जीपीएस में उन्हें अभी भी मूल वेतन का 10% पेंशन फंड में योगदान करना पड़ता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पेंशन फंड में कितना योगदान देना पड़ेगा। राज्य विधानसभा में विधेयक पेश होने के बाद तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। जीपीएस में पेंशन के संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है।