दरअसल कर्नाटक सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी के सामान मानदेय दिया जा सकता है। सरकार द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है। दरअसल संविदा कर्मचारी स्थाई कर्मचारियों के समान मानदेय की मांग को लेकर 13 फरवरी से धरना दे रहे हैं। वहीं इस मामले में एवं कार्यकर्ताओं का कहना है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल तभी समाप्त होगी, जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।
वेतन में 15 फीसद की वृद्धि करने पर विचार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ नवीन भट्ट के मुताबिक कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग एनएचएम के अनुबंधित कर्मचारियों के वेतन में 15 फीसद की वृद्धि करने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती है। उनके वेतन बढ़कर 30 से ₹35 हजार रुपए तक होंगे।
स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित
13 फरवरी से एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर हैं। वही कई विभागों में कर्मचारियों की कमी और कर्मचारियों के विभिन्न विभागों में स्थानांतरित किया जा रहा है ताकि इलाज में किसी भी तरह की बाधा ना आए, स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग संविदा आउटसोर्स कर्मचारी संघ के सदस्य मंजूनाथ का कहना है कि चिकित्सा कर्मचारी के करीब 70 फीसद एनएचएम संविदा कर्मचारी हैं। वेतन विसंगति होने की वजह से कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
मानदेय बढ़ाने की मांग
वही मणिपुर, उड़ीसा, राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्य सरकार द्वारा एनएचएम कार्यकर्ताओं को नियमित किया गया है लेकिन कर्नाटक सरकार द्वारा अब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था लेकिन कोई कदम नहीं उठाए जाने के बाद वेतन विसंगति का विरोध कर रहे हो और मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
इस मामले में मंजूनाथ का कहना है कि सामान्य योग्यता और अनुभव के बावजूद प्रयोगशाला तकनीशियन और स्टाफ नर्स सहित ग्रुप डी कर्मचारी के वेतन अस्थाई कर्मचारियों के वेतन से आते हैं। कई मौके पर ग्रुप डी के कर्मचारियों को उनके न्यूनतम वेतन का भुगतान भी नहीं किया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों की मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। वहीं अब राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांग को मानते हुए उनके वेतन में 15 फीसद की वृद्धि की तैयारी की जा रही है।