Employees Retirement Age, Retirement Age Hike : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उनकी सेवानिवृत्ति आय में वृद्धि की गई है। कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। जिसके तहत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि की गई है। जल्द इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही 65 वर्ष तक कर्मचारी अपनी सेवा देने के लिए पात्र होंगे।
सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया है। वर्तमान में प्रोफेसेस की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। जिसे बढ़ाकर 65 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बता दें कि जेएनटीयू जैसे शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षण कर्मचारियों और प्रोफेसरों की भारी कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। लंबे समय से शिक्षण कर्मचारी सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
वहीं इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए थे। प्रस्ताव तैयार करने के बाद आखिरकार कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। ऐसे में जेएनटीयू जैसे शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत प्रोफेसर अब 65 साल तक अपनी सेवा दे सकेंगे। वहीं 65 साल की आयु पूरी होने के बाद उन्हें रिटायरमेंट का लाभ मिलेगा।
सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के प्रस्ताव पर मुहर
इसके साथ ही बंदोबस्ती विभाग में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए भी रिटायरमेंट आयु में को बढ़ाने का फैसला किया गया। बता दें कि बंदोबस्ती विभाग में रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसको देखते हुए इन कर्मचारियों के जरिए उसे पाटने की कोशिश की गई है। ऐसे में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के कैबिनेट के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। इसके साथ ही अब बंदोबस्ती विभाग के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में भी 2 वर्ष की वृद्धि की गई है।
मंदिरों अरचकों को सेवानिवृति के बिना पेशे में बने रहने के प्रस्ताव को मंजूरी
इतनी आंध्र प्रदेश में पुजारियों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की घोषणा मंत्री द्वारा कुछ दिन पहले की गई थी। मंत्री कहा था कि जल्दी इस प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। इसके साथ ही पुजारियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। दरअसल मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी मंदिरों अरचकों को सेवानिवृति के बिना पेशे में बने रहने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अरचकों सेवानिवृत्ति के बिना काम कर सकते हैं। ऐसे में पुजारी अपने सामर्थ्य अनुसार इस पेशे में बने रह सकते हैं।