Employees Retirement Age : राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा सकती है। दरअसल उनके रिटायरमेंट आयु में 3 वर्ष की वृद्धि संभव है। इसके लिए शासन से अनुमति लेने पर सहमति बन गई है। कार्य परिषद की 44वीं बैठक का आयोजन कर यह निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय के तहत कर्मचारी शिक्षकों के रिटायरमेंट सीमा 62 वर्ष से बढ़कर 65 वर्ष हो सकती है। दरअसल राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के लिए राज्य शासन से अनुमति लेने पर सहमति बनी है।
सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि
इससे पहले प्राध्यापकों के रिटायरमेंट आयु में संशोधन के प्रस्ताव के संबंध में विश्वविद्यालय परनियम के उपबंध पर विचार किया गया था। साथ ही शासन से अनुमति लेने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में यहां पर शिक्षक प्राध्यापक की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है जबकि अन्य विश्वविद्यालय में शिक्षकों सहित कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की गई है। इसी मुद्दे पर राज्य शासन से अनुमति लेने का निर्णय लिया गया। यदि ऐसा होता है तो प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़कर 65 वर्ष हो जाएगी। इसमें 3 वर्ष की वृद्धि देखने को मिलेगी। जिससे कर्मचारी शिक्षकों को बड़ा लाभ मिलेगा।
स्वाध्याय छात्रों को मिलेगा लाभ
इसके साथ ही बैठक में विश्वविद्यालय में प्राइवेट छात्रों की कोर्स संचालित करने की व्यवस्था को पहले की तरह ही रखने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्वाध्याय छात्रों के संबंध में भी पूर्व की व्यवस्था कायम रहेगी। स्वाध्याय छात्र विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करने के लिए परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
संबद्धता शुल्क में संशोधन
इसके अलावा विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज की संबद्धता शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है कार्यपरिषद सदस्य चंद्र प्रताप सिकरवार द्वारा कहा गया है कि संबद्धता शुल्क बढ़ाया जाना चाहिए। इसे लंबे समय से बढ़ाया नहीं गया है। साथ ही संबद्धता शुल्क में संशोधन करते हुए उसमें कमी की जाएगी।