हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। रिटायरमेंट एज बढ़ाने पर नया अपडेट है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य की सुखविंदर सिंह सुख्खू सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 से बढ़ाकर 59 वर्ष करने पर विचार कर रही है। संभावना है कि 5 मई को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर अहम फैसला लिया जा सकता है।
दरअसल, अक्षय तृतीया के मौके पर शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात के संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ेगा और किन परिस्थितियों में कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाई जाएगी, इस पर भी कैबिनेट में प्रेजेंटेशन होगा। युवाओं के भविष्य को देखते हुए सरकार को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने हैं। सेवानिवृत्ति आयु में 1 वर्ष की बढ़ोतरी से सरकार को पेंशन के बोझ में आंशिक राहत मिलने की उम्मीद है।

अभी नहीं रोकी जाएगी कम्युटेशन
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में रिटायर हो रहे किसी भी अधिकारी कर्मचारियों की कम्युटेशन नहीं रोकी जाएगी,प्रदेश भर में 30 अप्रैल को 1500 कर्मचारी रिटायर हुए है, इस पर विचार करने की जरूरत है। कैबिनेट सब कमेटी के सभी प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।कम्युटेशन के तहत रिटायर कर्मचारियों को 40 फीसदी पेंशन एडवांस देने का प्रावधान है। इधर, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने इस प्रस्ताव के साथ-साथ पेंशन सुधार को लेकर दो अन्य विकल्प भी सरकार को सौंपे हैं।
5 मई को होने वाली कैबिनेट में आ सकते है ये 3 प्रस्ताव
- हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र एक साल बढ़ने की उम्मीद है। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़कर 59 साल की जाने की संभावना है।इससे एक वर्ष तक सेवानिवृत्ति से होने वाली रिक्तियों को भरने का विकल्प मिलेगा और वित्तीय बोझ कम होगा।
- वर्तमान में आईएएस अधिकारियों, डाक्टरों, प्रोफैसर सहित अन्यों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष और तृतीय श्रेणी कर्मचारी की 58 वर्ष हैं, ऐसे में सरकार अब सेवानिवृत्ति आयु सीमा में समानता लाने पर विचार कर रही है।
- कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अग्रिम पेंशन नहीं देने और पंजाब की तर्ज पर 25 वर्ष बाद ही पूरी पेंशन देने के 3 विकल्पों को सुझाया गया है। इस विकल्प के अनुसार कर्मचारी अपनी पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि में प्राप्त नहीं कर सकेंगे। वर्तमान में राज्य सरकार 20 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद पूरी पेंशन दे रही है।