तिरुवनंतपुरम, डेस्क रिपोर्ट। केरल के पीएसयू कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। केरल सरकार ने राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) में से ज्यादातर के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी है। वही केएसईबी, केएसआरटीसी और केडब्ल्यूए को बाहर रखा गया है। यह वृद्धि उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। खबर है कि यह आदेश एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया, जिसका विरोध शुरू हो गया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) में से ज्यादातर के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी है। यह आदेश एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया, जिसमे सुझाव दिया गया था कि राज्य की सभी पीएसयू के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी जाए, जैसा कि केंद्रीय पीएसयू में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विशेषज्ञ समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को उनके द्वारा किए गए कार्यों की सामान्य प्रकृति के आधार पर छह क्षेत्रों विनिर्माण और उत्पादन, विकास और बुनियादी ढांचा, वित्तीय सेवाएं, सेवाएं/व्यापार/परामर्श, कृषि/वृक्षारोपण/पशुधन और पारंपरिक और कल्याण में बांटा है। सभी राज्य पीएसयू के वर्गीकरण को मंजूरी देने का अधिकार सार्वजनिक उद्यम बोर्ड (PEB) होगा और प्रत्येक पीएसयू को पीईबी को वर्गीकरण के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए।
तीन बार के कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष शफी परम्बिल ने कहा कि डीवाईएफआई विजयन सरकार की सिर्फ एक पीआर एजेंसी है।युवा कांग्रेस सरकार सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष करने की अनुमति नहीं देगी। यह एक युवा विरोधी निर्णय है, केरल इकाई इसका जवाब देगी।वही एआईवाईएफ के राज्य सचिव टीटी जिसमोन ने कहा कि यह निर्णय राज्य के युवाओं के लिए एक झटका है।इस फैसले का विरोध करेंगे, हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के 100 से अधिक सार्वजनिक उपक्रमों में लगभग 1.50 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी सेवानिवृत्ति की आयु 56 से 58 होती है ।विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार ने एक नया आदेश जारी किया गया है जिसने केरल राज्य विद्युत बोर्ड, राज्य सड़क परिवहन निगम और जल प्राधिकरण को छोड़कर राज्य में सार्वजनिक उपक्रमों के वेतन ढांचे पर एक व्यापक अध्ययन किया। समिति ने सिफारिश की थी कि सभी राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु समान रूप से बढ़ाकर 60 कर दी जाए।