कर्मचारियों-शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्द मिलेगा सातवें वेतनमान का लाभ, प्रस्ताव भेजा

Pooja Khodani
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मुजफ्फरपुर/पटना, डेस्क रिपोर्ट। इन दिनों देश में अलग अलग राज्यों में सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों को सौगातें मिलने का सिलसिला जारी है।इसी कड़ी में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज है। जल्द ही कर्मचारियों और शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। इसके लिए कर्मचारियों के वेतन को सत्यापित कर पे-वेरिफिकेशन सेल पटना को भेज दिया गया। और यहां से मुहर लगते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

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दरअसल, लंबे समय से 7वें वेतनमान की मांग को लेकर बीआरए बिहार महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी संघ लगातार आंदोलन, प्रदर्शन, धरना कर रहे थे, जो अब पूरी होने जा रही है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में 11 वर्षों के बाद पे वेरिफिकेशन सेल की बैठक हुई, जिसमें सातवें वेतनमान पर सहमति बनी।इस फैसले से कर्मचारियों और शिक्षकों में खुशी की लहर है।

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इस बैठक में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने देने के लिए वेतन सत्यापन के लिए पे वेरिफिकेशन कमेटी द्वारा चर्चा और वेतन को सत्यापित कर पे-वेरिफिकेशन सेल पटना को भेजा गया है। अब इसका सत्यापन होते ही कर्मचारियों को सातवें वेतन का लाभ मिलने लगेगा। बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेज निरीक्षक प्रमोद कुमार की निगरानी में इसकी रूप रेखा तैयार की गई।

सरकारी कर्मचारियों के काम की भी होगी समीक्षा

वही बिहार सरकार अब 50 साल से अधिक आयु के राज्य के सरकारी कर्मचारियों के काम की समीक्षा करेगी। भवन निर्माण विभाग ने विभाग के 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की कार्यदक्षता और व्यवहार कुशलता की परख के लिए 4 समिति बनाई है।इसके तहत समूह क में अपर मुख्य सचिव सचिव की अध्यक्षता में समिति, समूह ख के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, समूह ग एवं अवर्गीकृत कर्मियों के कार्यों की समीक्षा के लिए संयुक्त सचिव के स्तर पर समिति बनी है। इसके तहत राज्य स्तर के अराजपत्रित संवर्ग को छोड़ शेष अराजपत्रित कर्मचारियों की समीक्षा के लिए अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव की अध्यक्षता में समिति बनी है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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