लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद उत्तर प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसके तहत अब सभी कर्मचारियों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों के डिजिटल स्टेट हेल्थ कार्ड बनना शुरू हो गए है, जिससे वे कहीं भी फ्री इलाज करा सकेंगे, वही जरूरी भुगतान भी कर सकेंगे।
दरअसल, राज्य सरकार के फैसले के बाद आयुष्मान भारत कार्यक्रम की देखरेख कर रही संस्था स्टेट एजेंसी फार कंप्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस एंड इंटीग्रेटेड (साचीज) के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके परिजनों को कैशलेस चिकित्सा का लाभ देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने वेबसाइट sects.up.gov.in पर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों का पंजीकरण भी शुरू कर दिया है।
कर्मचारियों-पेंशनरों को स्टेट हेल्थ कार्ड के लिए वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कर्मचारी जनसेवा केंद्र व मोबाइल पर ऑनलाइन कर सकते है, इसके लिए मोबाइल नंबर आधार से जरुर जुड़ा और उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।कोई समस्या आने पर कर्मचारी सीएमओ कार्यालय में जानकारी ले या दे सकते हैं। योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन हो जाने के बाद सत्यापन कराया जाएगा। इसमें कर्मचारियों के आवेदन का DDO पेंशनरों का CTO या STO सत्यापन होगा और फिर स्टेट हेल्थ कार्ड बनेगा।
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गौरतलब है कि बीते महीने 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य 22 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों (UP Employees and Pensioners ) को रक्षाबंधन का तोहफा देते हुए राज्य में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा लागू कर दी है और इसके लिए 10 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।
इसके तहत हेल्थ कार्ड दिखाकर सरकारी कर्मी व उनके परिजन सरकारी अस्पताल व योजना से सम्बद्ध अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। राज्य कर्मचारियों के अलावा, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों को मिलाकर करीब 75 लाख लोग लाभान्वित होंगे।इसमें राज्य कर्मचारी और पेंशनर या उनके परिवारजनों को निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकेंगे। वहीं सरकारी संस्थानों में खर्च की कोई समयसीमा नहीं होगी