पटना, डेस्क रिपोर्ट। बिहार के सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों (Bihar Government Employees) के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार (Bihar Government) रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़कर 62 कर सकती है।विधान परिषद में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी।
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दरअसल, विधान परिषद में सदस्य केदारनाथ पांडेय ने तारांकित प्रश्न किया था कि देश के अन्य राज्यों तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश एवं मध्य प्रदेश आदि में कर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 62 वर्ष है। क्या सरकार भी इस तरह का विचार रखती है? चुंकी राज्य सरकार को कर्मचारियों की 60 वर्षों की सेवा करने के बाद सेवांत लाभ के रूप में हर साल करोड़ों रुपये खर्च करना पड़ता है।अन्य राज्यों को देखते हुए कर्मचारियों की उम्र बढ़ाने के मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
केदार पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने के साथ साथ कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उम्र सीमा में भी बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी इस संदर्भ में कह चुके हैं, ऐसे में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने से सेवांत लाभ मद की बड़ी राशि हर साल 150 से 200 करोड़ रुपये के करीब बढ़ रही है। साल 2018-19 में सेवांत लाभ मद 1, 602 करोड़ था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 1,711 और वर्ष 2020 –21में बढ़कर 1,963 करोड़ हो गया है।
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इस पर उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं, लेकिन जब सभापति ने गंभीरतापूर्वक विचार करने की बात कहीं तो उन्होंने कहा कि सरकार वेतन मद और पेंशन मद में खर्च होने वाली राशि का तुलनात्मक अध्ययन कर इस बिंदु पर गौर करेगी।उपमुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन का सदस्यों ने स्वागत किया है।