कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, पुरानी पेंशन योजना पर आया नया अपडेट, सभी को मिलेगा लाभ, पढ़े डिप्टी सीएम का बयान

राज्य में एक लाख 17 हजार 521 कर्मचारियों ने OPS के विकल्प को चुना है, सिर्फ 1356 ऐसे कर्मचारी है, जिन्होंने एनपीएस को चुना है।यह जानकारी डिप्टी सीएम ने विधानसभा में दी है।

Old Pension Scheme 2025 :हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। पुरानी पेंशन योजना को लेकर नया अपडेट सामने आया है। राज्य की सुखविंदर सिंह सुख्खू सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की घोषणा की है।

हिमाचल सरकार का कहना है कि जो कर्मचारी अभी तक इस योजना के दायरे में नहीं हैं, उन्हें भी जल्द ही इसका लाभ दिया जाएगा। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी सरकार वादे के अनुसार ओपीएस का लाभ प्रदान करेगी। इसपर विभिन्न स्तर पर बातचीत चल रही है। एचआरटीसी के कर्मचारियों को भी सरकार ने ओपीएस का लाभ दिया है।

पढ़ें ओपीएस पर क्या बोले डिप्टी सीएम

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने ओपीएस को लेकर सवाल किया था जिसपर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने ओपीएस की पहली गारंटी दी थी और कर्मचारियों को उसका लाभ भी दिया है। एक लाख 17 हजार 521 कर्मचारियों ने OPS के विकल्प को चुना है, सिर्फ 1356 ऐसे कर्मचारी है, जिन्होंने एनपीएस को चुना है।

NPS पर क्या बोले डिप्टी सीएम

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास 9242 करोड़ रुपए लंबित है। इसमें 50 फीसदी यानि करीब 5 हजार करोड़ रुपए हिमाचल सरकार के है, जिसे प्रदेश सरकार वापस मांग रही है।NPS में सरकार और कर्मचारी दोनों का आधा-आधा हिस्सा जमा होता था, इसलिए विपक्ष के नेता को चाहिए कि वह अपना स्टैंड बदलें और हिमाचल का पैसा वापस दिलाने के लिए पैरवी करें। जब राज्य कोष में राज्य के हिस्से की राशि जमा होगी तो ही यहां कर्मचारियों को पेंशन में उसका लाभ दिया जा सकेगा। NPS में गए कर्मचारी जैसे ही राज्य कोष में पैसा जमा करेंगे उनकी पैंशन रिलीज कर दी जाएगी।

जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में

  • OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है।
  • NPS के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
  • OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
  • OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है।NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।
  • न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।OPS में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।
  • पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
  • सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।NPS शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।
  • NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  • OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।
  • OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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