Chhattisgarh OPS vs NPS 2023 : छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों-अधिकारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नवीन अंशदायी पेंशन योजना (NPS) में से किसी एक विकल्प के चुनाव को लेकर अंतिम मौका दिया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 मई तक की समय सीमा बढ़ा दी है।
राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) अथवा नई पेंशन योजना (एनपीएस) के चयन का विकल्प प्रस्तुत करने के लिए अब 8 मई 2023 तक समय-सीमा निर्धारित की गई है। पहले इसकी अवधी 5 मार्च तक निर्धारित की गई थी।प्रदेश के सभी कार्यालय प्रमुखों को शासन के निर्देशानुसार अधीनस्थ कर्मचारियों से विकल्प लेने के निर्देश दिए है।
8 मई तक चुने विकल्प
राज्य सरकार के आदेश के तहत, कुछ शासकीय सेवकों द्वारा किसी भी प्रकार का विकल्प प्रस्तुत नहीं किया गया है। विचारोपरान्त राज्य शासन द्वारा पुरानी पेंशन योजना अथवा NPS का चयन के लिए 8 मई 2023 तक की समय सीमा निर्धारित की गयी है। निर्धारित समय-सीमा में शासकीय सेवकों द्वारा पुरानी पेंशन योजना अथवा NPS के चयन का विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो भविष्य में किसी प्रकार का विकल्प चयन करने का अन्य अवसर नहीं दिया जाएगा। इस प्रकार निर्धारित तिथि तक विकल्प प्रस्तुत नहीं करने वाले शासकीय सेवकों द्वारा स्वयमेव NPS हेतु सहमति मान्य करते हुए आगामी कार्यवाही की जाएगी।
जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में
- OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
- OPS में पेंशन लेने वाले शख्स के 80 साल का होने पर मूल पेंशन में 20 फीसदी की वृद्धि होती है, इस तरह से पेंशनधारक के 85 की उम्र में 30 फीसदी, 90 की उम्र में 40 फीसदी, 95 की उम्र में 50 फीसदी और 100 की उम्र होने पर 100 फीसदी बढ़ता है।पेंशनधारक की उम्र 100 तक पहुंचने पर पेंशन की रकम दोगुनी हो जाती है।
- नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14 फीसदी का ही योगदान देती है।नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
- NPS शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
- OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है।NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
- OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।