दरअसल, आउटसोर्स कर्मचारियों की नियमित करने की लगातार उठ रही मांग को देखते हुए राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उप समिति की शुक्रवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय मेें बैठक हुई। इसमें 28 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव ले जाने पर सहमति बनी है। इससे पहले 27 सितंबर को कैबिनेट सब कमेटी की अधिकारियों के साथ बैठक होगी।बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार पॉलिसी बनाने और वेतन बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द आउटसोर्स कर्मचारियों को एक पॉलिसी के अंर्तगत लाया जा सकता है, इसके लिए राज्य सरकार राजस्थान की पॉलिसी पर चर्चा कर रही है। अगर इस पर सहमति बनती है, तो आउटसोर्स कर्मचारियों को सोसाईटी व संस्थाओं के तहत लाया जाएंगा।खबर है कि सरकार ऐसी नीति लाने की तैयारी में है, जिससे आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पक्की हो जाएगी और कोई भी उन्हें निकाल नहीं पाएगा। कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी आश्वासन दिया है कि आउससोर्स कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा।
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बता दे कि हिमाचल प्रदेश में 35 हजार के लगभग आउटसोर्स कर्मी हैं जिनको करीब 125 कंपनियां संचालित कर रही हैं। इन कंपनियों की मनमानी व पैसे के हेराफेरी की मिल रही शिकायतों व आउटसोर्स कर्मियों के दबाव के चलते आउटसोर्स कर्मियों के लिए सरकार नीति बनाने की बात कह रही है। प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी भी लंबे समय से सरकार से पॉलिसी की मांग कर रहे है। वहीं राज्य सरकार ने भी आउटसोर्स के लिए सब कमेटी का गठन किया है।हालांकि अंतिम फैसला 28 सितंबर को ही होगा।