महिला कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, नई नीति हो रही तैयार, मनपसंद जिलों में होगी नियुक्ति, मिलेगी ये भी खास सुविधा

इस फैसले के बाद अविवाहित तलाकशुदा या विधवा महिला कर्मचारियों को पहले जनरल ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी। विवाह के बाद उनसे विकल्प मांगा जाएगा।

Pooja Khodani
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Haryana Women Employees : हरियाणा की महिला कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर राज्य की नायब सैनी सरकार नई नीति बनाने जा रही है, जिसके तहत सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में तैनात तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मियों को मनचाहे जिले में नियुक्ति मिल सकेगी ।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक,इस नीति के तहत नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मियों को घर तक पहुंचाने की भी सुविधा मिलेगी। ऑनलाइन स्थानांतरण में महिला कर्मचारियों को अतिरिक्त अंक भी मिलेंगे। प्रदेश में अप्रैल में सभी विभागों में ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होनी है।

जनरल ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने की जरूरत नहीं

  • इस फैसले के बाद अविवाहित तलाकशुदा या विधवा महिला कर्मचारियों को पहले जनरल ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी। विवाह के बाद उनसे विकल्प मांगा जाएगा तथा नवविवाहिता या अन्य उक्त श्रेणी की महिला कर्मचारियों को उसके विकल्प के अनुसार 3 वर्ष के लिए पहला स्टेशन दिया जाएगा।
  • पहले स्टेशन पर तीन साल काम कर चुकी महिला कर्मचारी यदि ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेती है तो उसके पसंद का पहला, दूसरा या तीसरा स्टेशन दिया जाएगा। 100% दिव्यांग या 80% लोकोमोटिव दिव्यांग कर्मचारी को स्थानांतरण नीति के अनुसार पहली पसंद का स्टेशन मिलेगा।

शिक्षकों को करना होगा अभी इंतजार

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों को अभी पसंद के स्कूलों में नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन ट्रांसफर की समय सीमा को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है, जिसके चलते टीचरों को पसंद के नए स्कूल में पढ़ाने के लिए गर्मी की छुट्टियों तक वेट करना होगा।बता दे कि प्रदेश में 14 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के करीब एक लाख शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रांसफर का इंतजार है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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