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Thu, Dec 18, 2025

उल्लू, ALTT, बिग शॉट्स सहित 25 ऐप बैन; सॉफ्ट पोर्न कंटेंट दिखाने पर सरकार का ऐक्शन

Written by:Mini Pandey
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मंत्रालय के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील विज्ञापन और पोर्नोग्राफिक सामग्री प्रसारित की जा रही थी जो महिलाओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित करती थी।
उल्लू, ALTT, बिग शॉट्स सहित 25 ऐप बैन; सॉफ्ट पोर्न कंटेंट दिखाने पर सरकार का ऐक्शन

भारत सरकार ने अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के आरोप में उल्लू, एएलटीटी, देसीफ्लिक्स और बिग शॉट्स समेत 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP) को इन प्लेटफॉर्म्स की वेबसाइट्स और ऐप्स को तुरंत ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है। यह कार्रवाई भारतीय कानूनों, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67ए, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294, और महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 के उल्लंघन के आधार पर की गई है।

मंत्रालय के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील विज्ञापन और पोर्नोग्राफिक सामग्री प्रसारित की जा रही थी जो महिलाओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित करती थी। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स न केवल मनोरंजन के नाम पर आपत्तिजनक कंटेंट दिखा रहे थे, बल्कि बच्चों और किशोरों के लिए आसानी से उपलब्ध थे जिससे सामाजिक और नैतिक चिंताएं बढ़ीं। सरकार ने इस कार्रवाई को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता को नियंत्रित करने और सामाजिक मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है।

प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स की सूची 

प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स की सूची में उल्लू, एएलटीटी, देसीफ्लिक्स, बूमेक्स, नवरस लाइट, गुलाब ऐप, कंगन ऐप, जलवा ऐप, वाव एंटरटेनमेंट, हिटप्राइम, फेनियो, शोएक्स, सोल टॉकीज, हॉटएक्स वीआईपी, मूडएक्स, नियोनएक्स वीआईपी, और मोजफ्लिक्स जैसे नाम शामिल हैं। इन प्लेटफॉर्म्स ने सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग कर अपनी सामग्री को बढ़ावा दिया जिसके परिणामस्वरूप इनके 32 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे। सरकार ने इनसे जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी ब्लॉक करने का आदेश दिया है।

किस लिए हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई डिजिटल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ सरकार के सख्त रुख को दर्शाती है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सामग्री वर्गीकरण और आयु-आधारित नियंत्रण लागू करने के लिए स्व-नियमन करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम डिजिटल सामग्री को भारतीय कानूनों और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।