जीएसटी काउंसिल चर्चा में रही बैठक आज यानी 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है और यह दो दिनों तक चलेगी। उद्योग जगत और आम लोगों की निगाहें इस बैठक पर टिकी हुई हैं क्योंकि लंबे समय से जीएसटी दरों में बदलाव की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार काउंसिल टैक्स स्लैब पर बड़ा फैसला ले सकती है।
पिछले कुछ समय से सरकार पर दबाव था कि जीएसटी ढांचे को सरल बनाया जाए ताकि कारोबारियों और ग्राहकों दोनों को राहत मिले। महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ता भी इस बैठक से उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे में, इस बैठक में न सिर्फ टैक्स दरों में बदलाव बल्कि अगली पीढ़ी के सुधारों पर भी चर्चा हो सकती है।
GST काउंसिल बैठक में क्या है खास?
टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा टैक्स स्लैब में बदलाव का है। वर्तमान में 5%, 12%, 18% और 28% की दरें लागू हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार स्लैब्स को कम करके सिस्टम को आसान बना सकती है। इससे आम लोगों को रोजमर्रा की चीजों पर राहत मिलेगी और कारोबारियों के लिए टैक्स स्ट्रक्चर कम जटिल होगा।
कारोबारियों और उद्योग जगत को राहत
बैठक में छोटे कारोबारियों और MSME सेक्टर के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। सरकार की कोशिश है कि टैक्स अनुपालन को आसान बनाया जाए और डिजिटल सिस्टम को और मजबूत किया जाए। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी चर्चा हो सकती है। इससे कारोबारी वर्ग को समय और लागत दोनों की बचत होगी।
नई पीढ़ी के सुधार और भविष्य की रोडमैप
जीएसटी लागू होने के 7 साल पूरे हो चुके हैं और अब सरकार अगले चरण की तरफ बढ़ना चाहती है। इस बैठक में डिजिटल टैक्सेशन, ई-इनवॉयसिंग और नकली बिलिंग पर रोक जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, राज्यों के राजस्व घाटे की भरपाई और टैक्स कलेक्शन को और बेहतर बनाने पर भी रणनीति बनाई जाएगी।





