केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद में बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तीन आतंकवादी (सुलेमान, अफगान और जिबरान) को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षा बलों ने कल मार गिराया। शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर बहस के दौरान कहा कि सुलेमान लश्कर का शीर्ष कमांडर था और उसके पास पहलगाम हमले में शामिल होने के सबूत हैं, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। अफगान और जिबरान भी ए-लिस्टेड आतंकवादी थे। उन्होंने सुरक्षा बलों को इस सफलता के लिए बधाई दी।
शाह ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद वे उसी रात श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा बैठक की। 22 मई को खुफिया ब्यूरो को दाचीगाम में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली। सेना और आईबी ने विशेष उपकरणों से आतंकियों के संचार को ट्रैक किया और 22 जुलाई को उनकी मौजूदगी की पुष्टि के बाद संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया। शाह ने कहा, “हमने उन तीन आतंकियों को मार गिराया, जिन्होंने हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी।”
आतंकियों को पनाह देने वाले गिरफ्तार
आतंकियों की पहचान की पुष्टि के लिए अमित शाह ने बताया कि एनआईए ने पहले इन आतंकियों को पनाह देने वालों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने शवों की शिनाख्त की। इसके अलावा, पहलगाम हमले की जगह से मिले गोली के खोलों का फोरेंसिक विश्लेषण किया गया। मारे गए आतंकियों के हथियार, एक एम9 और दो एके-47, चंडीगढ़ के केंद्रीय फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे गए। शाह ने कहा, “छह वैज्ञानिकों ने बलिस्टिक रिपोर्ट की पुष्टि की कि पहलगाम में चली गोलियां और इन हथियारों से निकली गोलियां 100 प्रतिशत मेल खाती हैं।”
पाकिस्तान में बने चॉकलेट मिले
शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि आतंकियों के खात्मे की खबर पर दोनों पक्ष खुशी मनाएंगे, लेकिन विपक्ष के चेहरे काले पड़ गए। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर पाकिस्तान को बचाने का आरोप लगाया, क्योंकि उनके पास सबूत हैं कि तीनों आतंकी पाकिस्तानी थे। शाह ने कहा, “दो आतंकियों के पास पाकिस्तान के वोटर नंबर थे और उनके पास पाकिस्तान में बने चॉकलेट मिले।” उन्होंने दो स्थानीय लोगों को भी गिरफ्तार करने की जानकारी दी, जो इन आतंकियों को पनाह दे रहे थे।





