कुत्ते की तेरहवीं पर हवन और ब्रह्मभोज, आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना, 500 लोगों को कराया भोजन

Havan and Brahm Bhoj for the peace of the dog’s soul : किसी प्रियजन का दुनिया से जाना बड़ा दुख होता है। उनके जाने के बाद भी लोग चाहते हैं कि उस दूसरी दुनिया में उनकी आत्मा को शांति मिले। इसीलिए अलग अलग धर्मों में मृत्योर्परांत अलग अलग तरीके से संस्कार करने की विधि बताई गई है। हिंदुंओं में अलग अलग विधियों से आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। लेकिन क्या कभी आपने किसी कुत्ते के लिए ब्रह्मभोज और हवन का आयोजन हुआ।

ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर प्रदेश के बागपत में। यहां बिजरोल गांव में 12 साल पहले टॉमी का जन्म हुआ था। उसे जन्म देने के बाद उसकी मां की मौत हो गई। बस इसके बाद ये कुत्ता गांवभर का चहेता बन गया। हालांकि वो एक स्ट्रीट डॉग था लेकिन उसे सभी गांववाले बेहद प्यार करते थे। लोगों ने उसे टॉमी नाम दिया, हालांकि कई लोग उसको मुन्ना भी कहते थे। टॉमी गांव में सभी का लाड़ला था और इसके बदले वो भी सबकी हिफाजत करता था। इस तरह गांववालों और टॉमी के बीच प्यार भरा रिश्ता बन गया। लेकिन पिछले दिनों नेह की ये डोर टूट गई जब बारह साल की उम्र में टॉमी की मौत हो गई।

टॉमी की मौत से पूरे गांववाले दुखी हो गए। इसके बाद सभी ने मिलकर उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन और भोज कराने का निर्णय लिया। 6 अगस्त को उसकी मौत हुई थी और उसकी तेरहवीं पर गांव वालों ने मिलकर हवन और ब्रह्मभोज कराया। इस दौरान पूरे विधिविधान से हवन हुआ और करीब 500 लोगों का भोज हुआ। लोगों का कहना है कि टॉमी ने उनके प्यार के बदले अपना पूरा जीवन उनकी सुरक्षा के लिए दे दिया और वो उनके परिवार के सदस्य की तरह था। इसीलिए उसकी आत्मा की शांति के लिए ये सब किया गया है। सबका कहना है कि टॉमी भले चला गया हो लेकिन वो हमेशा इस गांव में लोगों की यादों में बसा रहेगाा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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