Sat, Dec 27, 2025

Modi Surname Defamation Case : राहुल गांधी को बड़ा झटका, सूरत सेशन कोर्ट ने खारिज की याचिका

Written by:Ayushi Jain
Published:
Last Updated:
Modi Surname Defamation Case : राहुल गांधी को बड़ा झटका, सूरत सेशन कोर्ट ने खारिज की याचिका

Modi Surname Defamation Case : मोदी सरनेम मानहानि मामले में आज सूरत के सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर स्टे की अर्जी खारिज कर दी। 2 साल की सजा बरकरार रहेगी। अब हाई कोर्ट जा सकते हैं राहुल गांधी। बता दे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अपनी सजा के खिलाफ दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। अब वापस से राहुल की लोकसभा सदस्यता की वापसी की उम्मीदें टूट गई है।

क्या था Modi Surname Defamation Case मामला

आपको बता दें कि वर्ष 2019 में सूरत के सीजेएम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मोदी सरनेम को लेकर कर्नाटक की सभा में अपमानजनक टिप्पणी करने पर मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद पिछले महीने इस मामले में सूरत के सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा के उपरांत संवैधानिक नियमों का पालन करते हुए राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी निरस्त कर दी गई थी।

राहुल को मिली जमानत

23 मार्च को कोर्ट द्वारा सुनाई गई इस सजा के खिलाफ राहुल गांधी ने कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि उन्हें गलत सजा सुनाई गई है, यह सजा उन्हें सिर्फ इसलिए सुनाई गई है ताकि उनकी संसद सदस्यता निरस्त की जा सके। इसके बाद कोर्ट द्वारा उन्हें 3 अप्रैल को इस जमानत भी दे दी गई। इतना ही नहीं कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को भी इस मामले में नोटिस जारी किया।

राहुल पर बरसे पूर्णेश मोदी

आपको बता दें सजा के खिलाफ जब राहुल याचिका दर्ज करने सूरत पहुंचे थे तब उनपर पूर्णेश मोदी जमकर बरसे थे। पूर्णेश ने कहा था कि जिस तरह राहुल अपने साथ केंद्रीय और राज्य नेताओं को लेकर आए हैं अपील के वक्त रेली जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं यह मैं कुछ और नहीं केवल कोर्ट पर दबाव बनाने का प्रयास है। राहुल की यह हरकत पूरी तरह बचकानी है और यह तरीका उनके अहंकार का गंदा प्रदर्शन है। साथ ही पूर्णेश ने यह भी कहा कि केवल राहुल ही नहीं कांग्रेस के सभी नेताओं को अनर्गल बयान देने की आदत है और उन सभी के बयानों के लिए भी राहुल गांधी को ही दोषी माना जाना चाहिए।