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Fri, Dec 19, 2025

ये हैं भारत के 7 छिपे रत्न, जहां रौनक के साथ मिलती है मानसिक शांति!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
यदि आपको कभी इन गांवों में घूमने का मौका मिले तो आप भी अवश्य जाएं। यहां की अनोखी परंपरा आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आएगी।
ये हैं भारत के 7 छिपे रत्न, जहां रौनक के साथ मिलती है मानसिक शांति!

भारत की पहचान गांव से होती है, यहां के लोग अक्सर खेती-बाड़ी, पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि पर निर्भर रहते हैं। मिट्टी के घरों में रहने वाले सभी लोग एक-दूसरे से मिलजुल कर गांव की हर एक परंपरा को निभाते हैं। इन सभी के अलग-अलग नाम भी रखे जाते हैं। हालांकि समय के साथ गांव के रहन-सहन में भी काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले यहां दीपक जलाकर रात के समय महिलाएं अपने घरों को रोशन किया करती थीं। वहीं, अब लगभग सभी गांव में बिजली कनेक्शन पहुंच चुका है। यदि आप कभी गांव में गए हो या वहां रहते हो तो अपने लोगों को कुएं का पानी पीते हुए देखा होगा, जिसका सदियों पुराना इतिहास है। यहां देश की परंपरा, संस्कृति, रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं।

महिलाएं एक-दूसरे से मिलजुल कर काम में हाथ बंटाती हैं, बच्चे मिट्टी से जुड़े होते हैं, अर्थात वे खेत-खलिहान में खेल कर बड़े होते हैं। पहले गांव में अलग ही रौनक देखने को मिलती थी। हालांकि, अब समय के साथ बहुत कुछ परिवर्तित हो चुका है, लेकिन अब भी लोग सदियों पुरानी चली आ रही रीति-रिवाज को नहीं भूले हैं।

इन दिनों भारत में शहरों की बजाय विलेज टूरिज्म की ओर पर्यटक ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, यहां लोगों को कल्चर बहुत ही नजदीक से देखने और जानने का मौका मिलता है। सरकार द्वारा भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।

ताज़ी हवा में लीजिए सांस

भारत की खूबसूरती सिर्फ़ उसके मशहूर शहरों में ही नहीं, बल्कि उसके छिपे हुए गांवों के अनछुए आकर्षणों में भी है। हिमालय के बर्फ़ से ढके कस्बों से लेकर दक्षिण के धूप से नहाए तटों तक, ये रहस्यमयी रत्न कहानियों, मुस्कुराहटों और रूह को झकझोर देने वाले नज़ारों का वादा करते हैं। दुनिया एक किताब है और जो लोग यात्रा नहीं करते, वे सिर्फ़ एक पन्ना पढ़ते हैं। तो इस वीकेंड अपना बैग उठाइए और ताज़ी हवा में सांस लीजिए। साल खत्म होने से पहले इन गांवों को एक्सप्लोर किजिए।

साफ-सफाई में आगे

देश के चारों दिशाओं में स्थित इन गांवों की सैर करें, जहां आपको आज भी लोगों में एकजुटता दिखेगी। यहां के लोग साफ-सफाई पर खास ध्यान देते हैं। यहां की अपनी अलग ही परंपरा होती है, जो इसे शहरों से काफी अलग बनाती है। इन गांवों में आज भी पुरानी चीजें देखने को मिलती है। रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान, बाजार सब कुछ पहले जैसा ही है। बस अत्याधुनिक सुविधाएं पहुंच गई हैं और रास्ते, स्कूल, घरों का विकास हुआ है।

एक्सप्लोर करें ये गांव

  • कल्पा गांव, हिमाचल प्रदेश
  • नाको, हिमाचल प्रदेश
  • विस्वेमा, नागालैंड
  • सांकरी, उत्तराखंड
  • सिस्सू, हिमाचल प्रदेश
  • माजुली, असम (दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप)
  • मौलिन्नोंग गांव, मेघालय (एशिया का सबसे स्वच्छ गांव)