प्रयागराज, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी के वेतन और बर्खास्तगी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने संविदा सफाई कर्मचारी की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है और याची को काम करने देने व वेतन भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है।वही राज्य सरकार व नगर निगम मुरादाबाद से याचिका पर जवाब मांगा है।
दरअसल, यह पूरा मामला नगर निगम मुरादाबाद से संबंधित है। सफाई कर्मी अशोक की याचिका पर अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि याची नगर निगम मुरादाबाद में संविदा पर सफाई कर्मचारी नियुक्त किया गया था। 23 फरवरी 21 से 25 फरवरी 21 तक नाले की सफाई की। नाला पत्थर की पाटन से ढंका हुआ था, जिसे सफाई से पहले जेसीबी मशीन से लोक निर्माण विभाग द्वारा हटाया गया, लेकिन बंद नहीं किया।
इस दौरान 25/26 फरवरी 2021 की रात में शराब के नशे में एक बाइक सवार तेज गति से पत्थरों से टकराकर नाले में गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन घरवालों ने न कोई शिकायत की और न पोस्टमॉर्टम कराया । लेकिन अखबार में छपी खबर के बाद उसकी सेवाएं 27 फरवरी 2021 को समाप्त कर दी गईं और बाकी सफाई नायक, सेनेटरी इंस्पेक्टर आदि को क्लीन चिट दे दी गई। बाद में हुई जांच रिपोर्ट में याची की कोई गलती नहीं पाई गई, फिर भी याची को सेवा में वापस नहीं लिया गया।
कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए नई अपडेट, पुरानी पेंशन पर CM का बड़ा बयान, संघ ने भी दी चेतावनी
इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा । इसी मामले पर न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने सुनवाई करते हुए कर्मचारी की बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व नगर निगम मुरादाबाद से याचिका पर जवाब मांगा है। इस पर कोर्ट ने जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी आदेश का परिशीलन करते हुए सेवा से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। वही कोर्ट ने याची को काम करने देने व वेतन भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है, मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।