हाई कोर्ट ने पेंशनरों को दी बड़ी राहत, अक्टूबर में मिलेगा पेंशन-अन्य भत्तों का लाभ, राज्य सरकार को दिए ये निर्देश

Pooja Khodani
Published on -
pensioners pension

अहमदाबाद, डेस्क रिपोर्ट। गुजरात हाई कोर्ट ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों
को बड़ी राहत दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 13 अक्टूबर से पहले पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद का लाभ देने का आदेश दिया है।

कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर! दिवाली बाद हो सकता है 18 महीने के डीए एरियर पर फैसला, खाते में आएगी 1.50 लाख तक राशि

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ा है।इसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि उसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद के चलते उन्हें पेंशन का लाभ नही मिल रहा है, ऐसे में उन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ दिए जाने चाहिए। उनकी नियुक्ति गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने की है।

वही राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2019 से पहले गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य सरकार के माध्यम से पेंशन मिल रही थी, हालांकि केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी है। ऐसे में सवाल यह है कि इन कर्मचारियों को पेंशन देने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है या राज्य सरकार की?

हाई कोर्ट का अहम निर्णय, कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, 3 महीने में मिलेगा GPF नंबर, मिलेगी पेंशन

इस पर केंद्र सरकार ने प्रस्तुत किया कि जब केंद्र सरकार ने योजना को रोक दिया था तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने गुजरात सरकार के आयुष विभाग के निदेशक को एक पत्र लिखा था कि कर्मचारियों को गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्त किया गया था। ये केन्द्रीय कर्मचारी नहीं, बल्कि इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (IPGTRA) के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, ऐसे में गुजरात सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें पेंशन और पेंशन संबंधी लाभ प्रदान करे। इस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि  सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 13 अक्टूबर से पहले पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद का लाभ दिया जाए।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News