हाई कोर्ट ने कही बड़ी बात – बिना प्रमाण पति को शराबी और व्यभिचारी कहना है क्रूरता

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने अपने एक फैसले में कहा है कि यदि कोई महिला बिना किसी प्रमाण के अपने पति को शराबी और व्यभिचारी कहती है तो यह क्रूरता है। एक महिला की याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश सुनाया।

बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन जामदार और शर्मीला देशमुख की डबल बैंच ने एक 50 वर्षीय  महिला की याचिका को ख़ारिज कर दिया।  याचिका में महिला ने पुणे की फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें शादी को खत्म करने की बात कही गई थी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....