मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने अपने एक फैसले में कहा है कि यदि कोई महिला बिना किसी प्रमाण के अपने पति को शराबी और व्यभिचारी कहती है तो यह क्रूरता है। एक महिला की याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश सुनाया।
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन जामदार और शर्मीला देशमुख की डबल बैंच ने एक 50 वर्षीय महिला की याचिका को ख़ारिज कर दिया। याचिका में महिला ने पुणे की फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें शादी को खत्म करने की बात कही गई थी।