कर्मचारी-पेंशनर्स के लिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, मिलेगी राहत, शासन के आदेश पर लगाई रोक, नहीं कर सकेंगे वसूली
रायपुर : हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत सरकार द्वारा जारी किए गए वसूली आदेश पर रोक लगा दी गई है। साथ ही हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सूरत में सेवानिवृत हुए कर्मचारी अधिकारियों से वसूली नहीं की जा सकेगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है।
Employees Salary Recovery : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। हाईकोर्ट द्वारा कर्मचारियों को बड़ी राहत दी गई है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि किसी भी सेवानिवृत शासकीय कर्मचारियों से वसूली नहीं की जाएगी। वही वसूली आदेश पर भी रोक लगा दी गई है।
कर्मचारियों की याचिका पर बड़ी राहत
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी है। वसूली आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ट्रांस का हवाला देते हुए आदेश जारी किया है कि किसी भी सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी से वसूली नहीं की जाएगी।
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यह है मामला
इससे पहले याचिकाकर्ता द्वारा अपनी याचिका में जानकारी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्ति के 6 महीने बाद विभागीय अधिकारी द्वारा उसके लिए वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। मामले के मुताबिक शिक्षक नगर वार्ड क्रमांक 13 के निवासी कृष्ण लाल साहू के वकील अभिषेक पांडे और घनश्याम शर्मा के जरिए हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भाटापारा में NMA के पद पर पदस्थ रहने के बाद कृष्ण लाल साहू 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुए थे। 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त होने के 6 महीने बाद बीएमओ भाटापारा द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति देयक से वसूली आदेश जारी कर दिए गए हैं।
हाई कोर्ट का फैसला
वही दलील पेश करते हुए वकील अभिषेक पांडे ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया विरुद्ध रफीक मसीह 2015 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में थॉमस डेनियल विरुद्ध स्टेट ऑफ केरला के बाद में भी निर्णय लिया गया था कि किसी भी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के साथ ही सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी कर्मचारी की सेवानिवृति के बाद उनसे किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकेगी। इसके लिए आदेश जारी नहीं किए जाएंगे।
वकील ने अपनी दलील में कहा कि 31 मई 2022 को रिटायर होने के बाद 6 महीने बाद खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा वसूली आदेश जारी करना नियम के विरुद्ध है। ऐसे में इसे निरस्त किया जाना चाहिए। जिस पर मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीपी साहू ने कर्मचारी को महत्वपूर्ण राहत देते हुए वसूली आदेश पर रोक लगा दी है।