हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, ब्याज सहित एरियर का भुगतान करने के आदेश, 8 हफ्ते में मिलेगा कर्मचारी को लाभ

Pooja Khodani
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प्रयागराज, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोबारा हाईस्कूूल पास कर सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारी को बड़ी राहत दी है।हाई कोर्ट ने कर्मचारी को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ बर्खास्तगी अवधि के वेतन का भुगतान करने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने 8 सप्ताह में एरियर भुगतान करने के लिए निर्देश दिए है।

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दरअसल, जनपद गाजीपुर के इंटर कॉलेज खालिसपुर के बर्खास्त कर्मचारी जितेंद्र यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें बताया था कि कर्मचारी को 2008 में नियुक्त किया गया था। तब याची ने 2002 में जारी हाईस्कूल मार्कशीट प्रस्तुत की थी जिसमें उसकी जन्मतिथि 10 जुलाई 1986 दर्ज थी। किंतु 2009 में जितेंद्र बहादुर सिंह ने शिकायत की कि इससे पहले भी 1997 में जितेंद्र यादव हाईस्कूल पास कर चुका है।

वही अभिलेखों के अनुसार जन्मतिथि 14 जनवरी 1981 है। इसके बाद मई 2009 में प्रधानाचार्य ने शिकायत के आधार पर जितेंद्र को बर्खास्त कर दिया था। इसलिए याची ने सेवासमाप्ति आदेश को कोर्ट में चुनौती दी और पुन बहाल करने की मांग की है। इस पर हाई कोर्ट ने बर्खास्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बड़ी राहत दी है।

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इस पूरे मामले पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सुनवाई करते हुए कहा कि याची चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बहाल करते हुए बर्खास्तगी अवधि का वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। याचिका निस्तारित करते हुए डीआईओएस को गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने का आदेश दिया। वही याची को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ बर्खास्तगी अवधि के वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि 8 सप्ताह में एरियर भुगतान न होने की दशा में याची 12 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान पाने का हकदार होगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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