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Fri, Dec 19, 2025

हिमाचल में 25 साल बाद फिर शुरू होगी लॉटरी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट से निपटने के लिए सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में 25 साल बाद फिर से लॉटरी सिस्टम शुरू करने को मंजूरी दे दी गई है।
हिमाचल में 25 साल बाद फिर शुरू होगी लॉटरी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट से निपटने के लिए सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में 25 साल बाद फिर से लॉटरी सिस्टम शुरू करने को मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले का उद्देश्य प्रदेश की आय को बढ़ाना है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि लॉटरी से सरकार को हर साल 50 से 100 करोड़ रुपये तक की आय हो सकती है। उन्होंने कहा कि लॉटरी सिस्टम को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा, जैसा कि पड़ोसी राज्य पंजाब और अन्य राज्यों में किया जा रहा है।

25 साल बाद फिर शुरू होगी लॉटरी

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2000 तक लॉटरी सिस्टम लागू था, जिसे धूमल सरकार ने बंद कर दिया था। अब दोबारा इसकी शुरुआत हो रही है। देश के 13 राज्यों में लॉटरी को वैध मान्यता प्राप्त है, जिनमें पंजाब, केरल, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल आदि शामिल हैं। इनमें सबसे पहले लॉटरी की शुरुआत 1967 में केरल सरकार ने की थी। पंजाब में त्योहारों के समय लॉटरी खरीदने का चलन अधिक है और इसमें लाखों से करोड़ों रुपये तक के इनाम मिलते हैं।

विपक्ष का तीखा विरोध

हालांकि सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने तीखा विरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि यह फैसला हिमाचल को गलत दिशा में ले जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी लॉटरी की वजह से कई परिवार तबाह हुए, लोगों के घर नीलाम हुए और कई ने आत्महत्या तक की। उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के नाम पर पहले भांग की खेती को वैध कर रही है, फिर शराब की बिक्री को बढ़ावा दे रही है और अब लॉटरी की वापसी कर रही है, जिससे आम जनता की जमा पूंजी भी खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा ने इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए इसे प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक हितों के खिलाफ बताया है। वहीं सरकार का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत होगा और राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है।