हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की ड्रग्स के खिलाफ अभियान को लेकर की गई हालिया टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राज्य के आंतरिक मामलों पर इस तरह की सार्वजनिक टिप्पणी करना शोभा नहीं देता। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार नशे के खिलाफ सख्त और ऐतिहासिक कदम उठा रही है।
CM सुक्खू ने राज्यपाल की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
राज्यपाल ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा था कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में पुनर्वास केंद्र अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन राज्य सरकार अभी तक इसे स्थापित नहीं कर पाई है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल यह बताया गया है कि सिरमौर जिले में जमीन दी गई है। इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद महज तीन महीनों में एनडीपीएस एक्ट में संशोधन कर तस्करों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान लागू किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि अब तक 43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल में ड्रग्स के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह किसी भी पिछली सरकार के कार्यकाल से कहीं ज्यादा प्रभावशाली और निर्णायक है। राज्यपाल के बयानों पर नाराज़गी जताते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वह उनके पद का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की टिप्पणी उपयुक्त नहीं है।
ड्रग्स विरोधी अभियान किया शुरू
सरकार ने प्रदेश की सभी पंचायतों में ड्रग्स विरोधी अभियान शुरू कर दिया है। प्रत्येक 5 से 6 पंचायतों पर एक कांस्टेबल और एक हैड कांस्टेबल को विशेष रूप से तैनात किया गया है, ताकि निगरानी मजबूत की जा सके। इसके अलावा सरकार ने नशे के खिलाफ पंचायत स्तर पर मैपिंग का आदेश भी जारी किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें विस्तार से सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई की जानकारी देंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हिमाचल सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।





