असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि जिन लोगों को अतिक्रमण वाली जमीन से हटाया गया है, उनके नाम उस स्थान की मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे जहां वे अवैध रूप से रह रहे थे। टिनसुकिया के मार्गेरिटा में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सरमा ने दावा किया कि निचले और मध्य असम को बचाने में पिछली पीढ़ी विफल रही, लेकिन अब ऊपरी और उत्तरी असम को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर किसी को किसी स्थान से हटाया जाता है, तो उनका नाम उस स्थान की मतदाता सूची में नहीं रह सकता। अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग अब ऊपरी और उत्तरी असम में प्रवेश कर रहे हैं और सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों को निचले और मध्य असम की तरह खोने से बचाना है। सरमा ने पहले कहा था कि मई 2021 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से 119548 बीघा जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई, जिससे करीब 50000 लोग प्रभावित हुए।
अतिक्रमण हटाने की योजना
मार्गेरिटा में अतिक्रमण हटाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ चर्चा की है और उन लोगों को हटाया जाएगा जो बाहर से आए हैं और जिनका यहां कोई संबंध नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मार्गेरिटा में 10000-12000 अज्ञात लोग धीरे-धीरे प्रवेश कर चुके हैं।
सीएम का क्या है बयान
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मार्गेरिटा के जनजातीय क्षेत्रों में मोरान, मोट्टॉक, अहोम, गोरखा, कोच-राजबोंगशी जैसी समुदायों को भूमि अधिकार दिए गए हैं, क्योंकि वे लंबे समय से यहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन समुदायों को उन जगहों पर भूमि अधिकार दिए जाएंगे जहां वे पहले से रह रहे हैं क्योंकि वे हमारे दुश्मन नहीं हैं।





