केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के तहत भारत में प्रवेश की अंतिम तिथि को 10 साल बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2024 कर दिया है। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को बताया कि राज्य में अब तक केवल तीन विदेशियों को इस अधिनियम के तहत नागरिकता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि असम में CAA के तहत कुल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से नौ अभी भी विचाराधीन हैं।
CAA का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है। पहले इस अधिनियम के तहत भारत में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2014 थी। असम में इस अधिनियम को लेकर लोगों के बीच यह आशंका थी कि इससे बड़ी संख्या में प्रवासी नागरिकता प्राप्त कर लेंगे।
CAA के तहत नागरिकता
मुख्यमंत्री सरमा ने CAA को लेकर उठे विवादों को कम महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “लोगों में यह हंगामा था कि असम में 20-25 लाख लोग CAA के तहत नागरिकता प्राप्त करेंगे। लेकिन अब जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो आप ही तय करें कि CAA पर चर्चा करना कितना प्रासंगिक है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम का असम पर अपेक्षित प्रभाव नहीं पड़ा है।
प्रवासी आबादी को लेकर संवेदनशीलता
गृह मंत्रालय के इस फैसले और असम में CAA की स्थिति को लेकर यह खबर चर्चा में है। यह अधिनियम और इसकी प्रक्रिया अब भी देश भर में ध्यान आकर्षित कर रही है, खासकर उन राज्यों में जहां प्रवासी आबादी को लेकर संवेदनशीलता अधिक है।





