असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में बहुविवाह पर प्रतिबंध और लव जिहाद को संबोधित करने वाले नए विधेयकों को पेश करने की तैयारी कर रही है। गुवाहाटी में कैबिनेट बैठक के बाद सरमा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने कुछ आदिवासी और छोटे समुदायों के लिए जनसंख्या नियंत्रण नीति में ढील देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी, चाय बागान समुदाय, और मोरन व मोटक जैसे सूक्ष्म समुदायों पर सख्त जनसंख्या नियंत्रण लागू करने से अगले 50 वर्षों में इनका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

नियमों में ढील दे रहे
सीएम सरमा ने बताया कि सरकार ने सामाजिक वैज्ञानिकों से परामर्श के बाद इन समुदायों के लिए जनसंख्या नियंत्रण नियमों को शिथिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “हम नियमों में ढील दे रहे हैं। आदिवासी, चाय बागान समुदाय, और मोरन व मोटक समुदाय सूक्ष्म समुदाय हैं। यदि हम उनकी जनसंख्या को प्रतिबंधित करते हैं, तो 50 साल बाद उनका अस्तित्व समाप्त हो सकता है।” इस निर्णय का उद्देश्य इन समुदायों के संरक्षण और उनके सांस्कृतिक अस्तित्व को बनाए रखना है।
लव जिहाद विधेयक पर क्या बोले
प्रस्तावित बहुविवाह विरोधी और लव जिहाद विधेयकों के बारे में सरमा ने कहा कि गुरुवार की कैबिनेट बैठक में इन पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन सरकार इन्हें अगले सत्र में पेश करने की योजना बना रही है। विधानसभा सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा और उससे पहले चार से पांच कैबिनेट बैठकें होंगी। AIUDF के विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि यदि ये विधेयक संविधान के दायरे में होंगे, तो उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, “लव और जिहाद के अलग-अलग अर्थ हैं। हम विधानसभा में विधेयक का इंतजार करेंगे और देखेंगे कि इसमें क्या शामिल है।”










