Varanasi : वाराणसी में कितने गंगा घाट है मौजूद? जानें महत्त्व, यहां देखें लिस्ट

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वाराणसी, Varanasi

Varanasi : वाराणसी जाना लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं यहां की दो चीजें सबसे ज्यादा लोकप्रिय होती है। जिसकी वजह से विदेशी लोग भी यहां खींचे चले आते हैं। हर साल हजारों पर्यटक वाराणसी घूमने के लिए आना पसंद करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर है जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

इस वजह से तो यहां श्रद्धालु आते ही है लेकिन उसके अलावा यहां गंगा के घाट पर घूमने के लिए भी लोग आना पसंद करते हैं। यहां का नजारा देखने लायक है। इतना ही नहीं गंगा घाट से आरती का आनंद लेना मजे को दुगुना कर देता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं वाराणसी में कितने घाट मौजूद है और उनका क्या महत्व है। चलिए जानते है –

बनारस में सबसे ज्यादा लोकप्रिय गंगा घाट है। वैसे तो यहां करीब 80 से ज्यादा गंगा हैं। गंगा के किनारे ही सभी घाट बने हुए हैं। घाट का नाम तथ्य और उनके कर्मों के हिसाब से अलग-अलग रखा गया है। गंगा घाट एक ऐसा घाट है जहां एक बार डूबकी लगाने से हर तरह के पाप धुल जाते हैं। अगर आप बनारस जा रहे हैं या फिर प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दे बिना घाट घूमे ट्रिप अधूरी मानी जाती है। यहां का नजारा तो देखने लायक है कि साथ ही यहां स्नान करने का भी काफी ज्यादा महत्त्व माना जाता है।

वाराणसी का पहला घाट दशाश्वमेध घाट है। इस घाट को पूजा और स्नान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। उसके अलावा यहां पर मणिकर्णिका घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट सहित 80 से ज्यादा घाट मौजूद हैं। चलिए देखते हैं उसकी लिस्ट

दशाश्वमेध घाट पर शाम के समय होने वाली गंगा आरती की जाती है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। ये घाट काशी विश्वनाथ मंदिर से सबसे नजदीक है। इस घाट का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने 10 घोड़ों की बलि देने के लिए किया था।

मणिकर्णिका घाट 24 घंटे लगातार जलती चिताओं की वजह से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। इस घाट पर दाह-संस्कार होने से मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस घाट का नाम माता पार्वती के कानों के कुंडल की मणी गिरने के बाद पड़ा।

पंचगंगा घाट 5 नदियों, गंगा, यमुना, किरना, सरस्वती और धुपापापा के संगम से बना हुआ है। इसी घाट पर विनायक पत्रिका की रचना की थी।

असि घाट बनारस का सबसे विशाल घाट है। यहां असि नदी आकर गंगा में मिलती है। इस वजह से इसे इसी नाम से पुकारा जाने लगा।

Varanasi के गंगा घाटों के नाम

  • असि घाट
  • दशाश्वमेध घाट
  • गंगा महल घाट
  • रेवान घाट
  • तुलसी घाट
  • भदैनी घाट
  • जानकी घाट
  •  माता आनंदमयी घाट
  •  वच्चराजा घाट
  •  जैन घाट
  •  निशाद घाट
  •  प्रभु घाट
  •  पंचकोटी घाट
  • चेत सिंह घाट
  •  ब्रह्मा घाट
  •  निरंजनी घाट
  •  बुंदी परकोटा घाट
  •  महानिर्वाणी घाट
  •  शिवाला घाट
  •  गुलरिया घाट
  •  त्रिपुरा भैरवी घाट
  •  हनुमानगढ़ी घाट
  •  दंडी घाट
  •  डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट
  •  हनुमान घाट
  •  प्राचीन हनुमान घाट
  •  नेपाली घाट
  •  कर्नाटक घाट
  •  हरिश्चंद्र घाट
  •  बावली/अमरोहा घाट
  •  लाली घाट
  •  विजयनगरम घाट
  •  केदार घाट
  •  चौकी घाट
  •  सोमेश्वर घाट
  •  मानसरोवर घाट
  •  राजा घाट
  •  चौसट्टी घाट
  •  जटार घाट
  •  भोंसले घाट
  •  संकठा घाट
  •  आदि केशव घाट
  • सिंधिया घाट
  • राज घाट
  • बाजीराव घाट
  • पहलदा घाट
  • मणिकर्णिका घाट
  •  नया/फुटा घाट
  •  खिड़की घाट
  •  तेलियानाला घाट
  •  जलसयी घाट
  •  सक्का घाट
  •  नांदेश्वर घाट
  •  ललिता घाट
  •  गोला घाट
  •  त्रिलोचन घाट
  •  बद्रीनारायण घाट
  •  गया/गाई घाट
  •  मानमंदिर घाट
  •  लाला घाट
  •  मीर घाट
  •  (आदि) शीतला घाट
  • गणेश घाट
  •  शीतला घाट
  •  दुर्गा घाट
  •  अहिल्याबाई घाट
  •  पंचगंगा घाट
  •  मुंशी घाट
  •  वेणीमाधव घाट
  •  दरभंगा घाट
  •  मंगल गौरी घाट
  •  राणा महल घाट
  •  राजा ग्वालियर घाट
  •  दिग्पतिया घाट
  •  राम घाट
  •  मेहता घाट
  •  सर्वेश्वर घाट
  •  पांडे घाट
  •  प्रयाग घाट
  •  खोरी घाट
  •  दत्तात्रेय घाट
  •  नया घाट
  •  नारद घाट

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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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