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Mon, Dec 22, 2025

HRCT बसों में सफर करने के लिए नया नियम, जल्द बनवाना होगा ये कार्ड

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की बसों में निशुल्क और रियायती यात्रा का लाभ लेने के लिए अब "हिम बस कार्ड" बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का तर्क है कि हिमाचल के लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी है।
HRCT बसों में सफर करने के लिए नया नियम, जल्द बनवाना होगा ये कार्ड

हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की बसों में निशुल्क और रियायती यात्रा का लाभ लेने के लिए अब “हिम बस कार्ड” बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। वीरवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस कार्ड को बनवाने के लिए लोगों को 200 रुपये खर्च करने होंगे, जबकि हर साल इसके नवीनीकरण के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। यह नियम महिलाओं, स्कूली छात्रों और उन सभी लाभार्थियों पर लागू होगा जिन्हें अभी तक रियायती या निशुल्क यात्रा की सुविधा मिल रही थी। तीन महीने के भीतर सभी पात्र लोगों को यह कार्ड बनवाना होगा।

इस लिए बनाया गया ये नियम

सरकार का तर्क है कि हिमाचल के लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी है। कैबिनेट में चर्चा हुई कि पंजाब, हरियाणा जैसे अन्य राज्यों के लोग भी एचआरटीसी पास बनवाकर मुफ्त सफर कर रहे हैं, जिससे निगम को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। अब सिर्फ हिमाचल के स्थायी निवासी ही इन सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके लिए आवेदन करते समय पहचान पत्र जैसे प्रमाण देना अनिवार्य होगा। वर्तमान में राज्य सरकार 17 अलग-अलग श्रेणियों को यह सुविधा देती है, जिनमें दिव्यांग, युद्ध विधवाएं, सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्वतंत्रता सेनानियों के सहायक, गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग, पूर्व विधायक और संवाददाता शामिल हैं।

कैबिनेट बैठक में बाहरी राज्यों से आने वाली निर्माण मशीनरियों और बाहरी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का हिमाचल में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत वाहन मालिकों से कुल कीमत का 20% पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा अपंजीकृत निर्माण वाहनों के लिए वन टाइम लैगेसी पॉलिसी लाई गई है, जिसके तहत वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स और जुर्माने की 50% राशि जमा कर पंजीकरण करवा सकते हैं। यह योजना तीन महीने तक लागू रहेगी। अनुमान है कि राज्य में 27,095 बड़े वाहन इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले में 10 और बिलासपुर जिले में 11 लघु खनिज खदानों की नीलामी और पुनर्नीलामी को भी मंजूरी दी है। इससे 18.82 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और अवैध खनन पर भी लगाम लगेगी।