IAS Success Story : पढ़ाई के खिलाफ हो गया था परिवार, फिर भी ना मानी हार, घर पर रहकर की UPSC की तैयारी, 8th रैंक पाकर बनीं IAS

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IAS Vandana Singh Chauhan Success Story : संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल होते है। इसमें कई उम्मीदवार वर्षों मेहनत के बाद भी यूपीएससी परीक्षा क्वालीफाई नहीं कर पाते तो कुछ पहले और दूसरे अटेम्प्ट में ही अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से बिना किसी कोचिंग के सफल होकर नई कहानी लिख देते है। आज आईएएस सक्सेस स्टोरी में आज हम आपको बताने जा रहे है हरियाणा की वंदना सिंह चौहान की कहानी, जिन्होंने ना सिर्फ परिवार के खिलाफ जाकर पढ़ाई की बल्कि 24 साल की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसर बनकर एक मिसाल भी कायम की।

ऐसा रहा वंदना सिंह चौहान का आईएएस अफसर बनने का सफर…

  1. वंदना सिंह चौहान का जन्म 04 अप्रैल 1989 को हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव में हुआ था। वंदना ने हिंदी मीडियम से पढ़कर सीएसई 2012 परीक्षा में 8 वीं रैंक लाकर हासिल की थी, वो भी ऐसी परिस्थिति में जब वंदना के परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वंदना और अधिक पढ़ाई-लिखाई करे।
  2. पिता महिपाल सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके गांव में कोई अच्छा स्कूल नहीं था, ऐसे में बेटे को पढ़ाई के लिए बाहर भेज दिया था, लेकिन वंदना के बारे में नहीं सोचा। फिर एक दिन वंदना ने अपने पिता से कहा कि वह बेटी हैं और इसीलिए उनके पिता उन्हें बाहर नहीं भेज रहे हैं। इसके बाद उन्होंने वंदना का एडमिशन मुरादाबाद के एक गुरुकुल में करवा दिया।
  3. जब पिता ने वंदना का एडमिशन गुरूकुल में करवाया तो दादा, ताऊ, चाचा व परिवार के अन्य सदस्य महिपाल सिंह के खिलाफ हो गए थे, लेकिन विरोध के बावजूद वंदना ने पढ़ाई जारी रखी।
  4. 12वीं के बाद वंदना लॉ की पढ़ाई के साथ ही घर पर रहकर आईएएस अफसर बनने का लक्ष्य लेकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी।
  5. वंदना सिंह रोजाना 12-14 घंटे पढ़ाई करती थीं।
  6. वंदना सिंह चौहान ने आगरा के डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में LLB में दाखिला लिया था लेकिन परिवार का सहयोग न मिलने पर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी। इस दौरान उनके भाई ने उनका काफी साथ दिया।
  7. वंदना सिंह चौहान ने हिंदी मीडियम से यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) देकर 2012 में 8वीं रैंक हासिल की थी  और24 साल की उम्र में IAS अधिकारी बन गईं।
  8. वंदना की मां  ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पढ़ाई के दौरान नींद अधिक न आए इसलिए वंदना ने अपने कमरे में कूलर लगाने से भी मना कर दिया था।

जानें एक IAS अफसर वेतन-भत्ते और सुविधाएं

  1. IAS ऑफिसर उच्च श्रेणी के अधिकारी होते हैं, जिन्हें सातवें वेतनमान के तहत सैलरी दी जाती है।एक IAS ऑफिसर की सैलरी 56,100 रुपए महीने से लेकर 2,25,000 तक होती है।
  2. सभी भत्ते मिलाकर एक आईएएस अधिकारी को शुरुआती दिनों में कुल 1 लाख रुपये प्रतिमाह से ज्यादा सैलरी मिलती है।
  3. स्वास्थ, आवास, यात्रा समेत कई तरह की सुविधाओं के लिए पैसा भत्ते के रूप में दिया जाता है। अलग-अलग पे-बैंड के हिसाब से अन्य लग्जरी सुविधाएं भी मिलती हैं।
  4. बेसिक सैलरी के अलावा डियरनेस अलाउंस (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), सब्सिडाइज्ड बिल, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंस अलाउंस दी मिलती है।
  5. पे-बैंड के आधार पर एक आईएएस अधिकारी को घर, सिक्योरिटी, कुक और अन्य स्टाफ समेत कई सुविधाएं भी मिलती हैं।
  6. आने-जाने के लिए गाड़ी और ड्राइवर की भी सुविधा दी जाती है।पोस्टिंग के दौरान कहीं जाने पर ट्रैवल अलाउंस के अलावा वहां सरकारी घर भी दिया जाता है।
  7. मुफ्त में या फिर अधिक सब्सिडी पर बिजली और टेलिफोनिक सेवाएं मिलती है।

नोट – यह सभी जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से जुटाई गई है, इसमें फेरबदल भी हो सकता है।


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Pooja Khodani

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