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Sat, Dec 20, 2025

जज यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा से होगी शुरू, घर पर भारी कैश मिलने से मचा था बवाल

Written by:Mini Pandey
Published:
रिजिजू ने संसद की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल देते हुए कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करना केवल सरकार का नहीं, बल्कि पूरे संसद का दायित्व है।
जज यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही लोकसभा से होगी शुरू, घर पर भारी कैश मिलने से मचा था बवाल

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पहले लोकसभा में पेश किया जाएगा, जैसा कि नियमों के अनुसार है। जस्टिस वर्मा की मुश्किलें तब बढ़ गईं, जब उनके आवास पर आग लगने की घटना के बाद जली हुई नकदी बरामद की गई। रिजिजू ने जोर देकर कहा कि जस्टिस वर्मा को हटाने का निर्णय सभी राजनीतिक दलों का संयुक्त फैसला होना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव लोकसभा में पेश होने के बाद राज्यसभा द्वारा समर्थित किया जाएगा।

रिजिजू ने संसद की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल देते हुए कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करना केवल सरकार का नहीं, बल्कि पूरे संसद का दायित्व है। उन्होंने कहा, “न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के मुद्दे को संबोधित करना और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों को हटाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस मुद्दे पर हमें विभाजित नहीं होना चाहिए।” सरकार सूत्रों के अनुसार, जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की दिशा में काम कर रही है।

100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर

23 जुलाई को सरकार ने बताया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग के लिए 100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर एकत्र किए जा चुके हैं। रिजिजू ने कहा कि सभी दलों के सहयोग से यह प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और यह केवल सरकार की पहल नहीं है। 21 जुलाई को शुरू हुए मॉनसून सत्र के पहले दिन 145 लोकसभा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत जस्टिस वर्मा को हटाने की मांग की गई।

साइन करने वालों में कौन-कौन शामिल

इस ज्ञापन पर कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू, जेडीएस, जन सेना पार्टी, एजीपी, शिवसेना (शिंदे), एलजेएसपी, एसकेपी और सीपीएम सहित विभिन्न दलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए। प्रमुख हस्ताक्षरकर्ताओं में अनुराग सिंह ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राजीव प्रताप रूडी, सुप्रिया सुले और केसी वेणुगोपाल शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, जांच समिति में एक सुप्रीम कोर्ट जज, किसी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता को शामिल किया जा सकता है।