मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू कश्मीर की सीमेंट कंपनी के कर्मचारियों की ओर से हाई कोर्ट ने वर्ष 2018 में लंबित वेतन को लेकर याचिका दायर की थी। इस संबंध में 19 नवंबर 2018 को कोर्ट ने एमडी को लंबित वेतन देने के निर्देश दिए थे, बावजूद इसके निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसके बाद निर्देशों पर अमल न होने पर कर्मचारियों ने फिर वर्ष 2021 में अवमानना याचिका दायर की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्मचारियों ने अधिवक्ता ने कहा था कि लंबित वेतन के इंतजार में कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कई कर्मचारियों को दूसरे विभागों में समायोजित कर दिया गया है। अन्य विभागों में जाने पर उन्हें नियमित वेतन मिल रहा है, लेकिन लंबित वेतन राशि अभी भी बकाया है। इस पर कंपनी ने कहा कि वे वेतन देने से इन्कार नहीं कर रहे लेकिन कंपनी घाटे में है, कई कर्मचारियों को 22 माह का वेतन नहीं दिया जा सका है।
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इस पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजीव कुमार ने कहा कि सीमेंट कंपनी को 3 महीने में लंबित वेतन देने के निर्देश दिए है साथ ही कहा है कि यदि कंपनी की संपत्ति को बेचना भी पड़ता है तो सरकार से बात कर तीन माह के भीतर वेतन की व्यवस्था की जाए।