तिरुअनंतपुरम, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार ने कर्मचारियों (Employees) के लिए बड़ा फैसला है। दरअसल कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति आयु (Retirement age) में 2 वर्ष की वृद्धि की गई थी। इसके बाद सभी पीएसयू कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया गया था। हालांकि सरकार के इस फैसले पर लगातार विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा था। अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने इस फैसले को वापस ले लिया है। जिससे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल केंद्र सरकार को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा, विरोध प्रदर्शन के कारण यह फैसला वापस लिया गया है। पब्लिक सेक्टर में सेवानिवृत्ति आयु को लगातार बढ़ाने की कोशिश जारी है लेकिन अब विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार ने अपने फैसले पर यू-टर्न लिया है। विपक्ष का कहना है कि सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाकर सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उनके नौकरी के अवसरों को छीना जा रहा है।
आईएएस के बयान पर भड़की कांग्रेस, महिलाओं के लिए बताया अपमानजनक और लज्जाजनक
इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाए जाने के आदेश पर रोक लगा दी गई है। इस मामले में आगे की कार्रवाई में फैसला किया जाएगा।
इससे पहले सभी पीएसयू कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति उम्र को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किया गया था। हालांकि इसमें केएसईबी केएसआरटीसी और KWA कर्मचारियों को बाहर रखा गया था। इसके अलावा यह वृद्धि उन कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होनी थी, जो पहले ही सेवानिवृत्ति को प्राप्त कर चुके हैं।
दरअसल संगठन द्वारा सरकार के इस फैसले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई थी। मामले में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतिसन ने सरकार के ताजा फैसले को विपक्ष की जीत बताया है और सरकार को पूरी तरह से आदेश वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का कदम गलत है और रोजगार क्षेत्र में इससे अनिश्चितता चलेगी। इससे पहले विशेषज्ञ समिति द्वारा सिफारिश की गई थी कि राज्य के सभी सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 60 वर्ष किया जाना चाहिए।