Old Pension Scheme : कई राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है जबकि कई राज्यों भी पुरानी पेंशन योजना लागू की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारियों की बढ़ती मांग को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना पर विचार किया जा रहा है। इसी बीच प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया। हालांकि नोटिफिकेशन जारी नहीं होने की स्थिति में अब तक उनके वेतन से PFRDA के तहत NPS की राशि काटी जा रही है। अब पीएफआरडीए द्वारा राज्य सरकार को एक स्पष्टीकरण भी जारी किया गया है।
हिमाचल सरकार द्वारा राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद कर्मचारियों की जमा राशि पीएफआरडीए से मांगी गई थी। जिस पर केंद्र सरकार ने दो टूक जवाब दिया है। पीएफआरडीए पर हिमाचल सरकार को एक स्पष्टीकरण भेजा है। जिसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की रिटायरमेंट और मृत्यु होने पर ही एनपीएस का पैसा उन्हें लौटाया जाएगा।
8000 करोड़ रुपए एनपीएस की कटौती के तहत केंद्र सरकार के पास
इससे पहले पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ ही केंद्र सरकार से एनपीएस के तहत जमा हुई राशि की मांग राज्य सरकार द्वारा की गई थी। दरअसल राज्य सरकार के 8000 करोड़ रुपए एनपीएस की कटौती के तहत केंद्र सरकार के पास जमा है। एनपीएस में हर साल सरकारी कर्मचारी के 1500 से 1600 करोड़ रुपए जमा हो रहे हैं।
राज्य सरकार के लिए बढ़ने वाली मुसीबत
वही पीएफआरडीए ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से एनपीएस में जमा खाते राज्य सरकार को नहीं दिए जाएंगे। केंद्र ने स्पष्टता से कहा है कि प्रदेश के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उनकी मृत्यु होने पर ही एनपीएस की राशि उन्हें लौटाई जाएगी। एनपीएस में जमा राशि नहीं लौटाई जाने के साथ ही प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को धरातल पर लागू करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार की आर्थिक स्थिति पहले से ही अच्छी नहीं है। ऐसे में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण के पास कर्मचारी राज्य सरकार के 8000 करोड रुपए नहीं लौटाए जाने पर भी अब राज्य सरकार के लिए मुसीबत बढ़ने वाली है।
2 परिस्थितियों में होगा पैसा वापस
नई पेंशन प्रणाली के तहत राज्य सरकार के कर्मचारी द्वारा अपनी वेतन के मासिक 10% का हिस्सा पीएफआरडीए में जमा कराया जाता है जबकि राज्य सरकार की ओर से 14% जमा कराई जाती है।इसके साथ ही एनपीएस की राशि जमा होती है। अब राज्य सरकार के अधिकारी का कहना है कि पीएफआरडीए का स्पष्टीकरण है कि एनपीएस का पैसा केवल दो ही शर्तों में ही वापस किया जा सकता है। ऐसी परिस्थितियां निर्मित होने के बाद सेवानिवृत्ति या मृत्यु की स्थिति में ही कर्मचारियों को उसका पैसा दिया जाएगा।
अब भी असमंजस की स्थिति में कर्मचारी
इस संबंध में अन्य राज्यों को भी इसी तरह से स्थिति साफ की जा चुकी है। अब आगे की कार्रवाई में हिमाचल सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए क्या कदम उठाती है, यह तो समय ही बताएगा? वहीं कांग्रेस की सरकार आने के साथ ही पुरानी पेंशन योजना को लेकर मेमोरेंडम जारी किया गया था लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं होने की वजह से कर्मचारी अब भी असमंजस की स्थिति में है।लगातार सरकार से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो कर्मचारियों का उग्र प्रदर्शन देखा जा सकता है।