Sat, Dec 27, 2025

कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, पुरानी पेंशन योजना पर नई अपडेट, डिप्टी सीएम का बड़ा बयान, बजट बाद शुरू होगी प्रक्रिया

Written by:Kashish Trivedi
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कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, पुरानी पेंशन योजना पर नई अपडेट, डिप्टी सीएम का बड़ा बयान, बजट बाद शुरू होगी प्रक्रिया

Old Pension Scheme : कई राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा भी पुरानी पेंशन योजना को अपनाए जाने में तेजी दिखाई जा रही है। इसी बीच केंद्रीय सरकार द्वारा भी कुछ कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के विकल्प को चुनने का मौका दिया गया है।

महाराष्ट्र में भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होगी या नहीं, इसके लिए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। पुरानी पेंशन योजना के संदर्भ में विधायक द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ हमारी सरकार सकारात्मक है, इस बारे में सकारात्मक विचार किए जा रहे हैं लेकिन हमें राज्य के आर्थिक मामलों पर भी ध्यान देना होगा।

पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी सरकार ? 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर बजट सत्र के समापन के बाद वह अधिकारी और यूनियंस के साथ बैठक करेंगे और किसी नतीजे पर पहुंचने का प्रयास करेंगे। इससे पहले बजट सत्र में विधान परिषद में शुक्रवार को पुरानी पेंशन योजना को लेकर विरोधी दल द्वारा सरकार से सवाल किए गए थे? विधान परिषद सदस्य राजेश राठौर, कपिल पाटिल सहित अन्य ने पूछा कि क्या सरकार 2005 के बाद हुई नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी? उस पर कोई विचार किया जा रहा है? इसके साथ ही सवाल किया गया था कि जब छत्तीसगढ़, हिमाचल, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जा सकती है तो महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है।

जिस वजह उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा था कि ” पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना वित्तीय दिवालियापन का एक तरीका” होगा। यह अगली सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का कार्य करेगा। विधानसभा में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन मेहनत आना और पेंशन पर पहले से ही राज्य के 58% वार्षिक खर्च हो रहे हैं। वही अगले वित्तीय वर्ष में इसके बढ़कर 68% तक होने की संभावना जताई गई है।

55000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ

ऐसे में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद सरकार पर 55000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जबकि एनपीएस के तहत पेंशनर्स को एक निश्चित रकम उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि कर्मचारी संगठन द्वारा लगातार पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है। जिस पर उपमुख्यमंत्री ने सकारात्मक बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस बार बजट सत्र के बाद यूनियंस के साथ बैठक की जाएगी और अधिकारियों के साथ बैठक में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में जल्दी पुरानी पेंशन योजना को लेकर कुछ महत्वपूर्ण अपडेट सामने आ सकते हैं।

सीएम का बयान

इस बीच, जनवरी में एक चुनावी रैली के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के प्रति सकारात्मक है। सरकार शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों, गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए पुरानी पेंशन योजना और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षण के बारे में सकारात्मक है। शिक्षा विभाग पुरानी पेंशन योजना का अध्ययन कर रहा है।

पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने दिया बड़ा बयान

इससे पहले कई राज्य द्वारा पुरानी पेंशन योजना को अपनाए जाने पर अब पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा फिर से शुरू करने वाले कदम साबित हो सकते हैं। इसके लागू होने से आम जनता के पैसे सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। वही पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से आम लोगों की आमदनी का हिस्सा सरकारी कर्मचारी उठाएंगे और आम जनता में ज्यादातर के पास कोई विषय सामाजिक सुरक्षा नहीं होगी।

2003 में पुरानी पेंशन योजना बंद 

पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन का लाभ दिया जाता था। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अपनी अंतिम सैलरी के 50% तक पाने का हकदार होता था। हालांकि एनडीए सरकार द्वारा 2003 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था और 1 अप्रैल 2004 से नई पेंशन योजना को शुरू किया गया था।