प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमी-कंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में भारत को प्रमुख भागीदारों में से एक के रूप में स्थापित करना हमारा सामूहिक उद्देश्य है। हम हाई-टेक, उच्च गुणवत्ता और उच्च विश्वसनीयता के सिद्धांत के आधार पर इस दिशा में काम करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की उन विशेषताओं को गिनाया जो इस दिशा मेंमहत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत के सेमी-कंडक्टर प्रौद्योगिकियों के लिए एक आकर्षक निवेश के छह कारण देखता हूं। सबसे पहले, हम 1.3 अरब से अधिक भारतीयों को जोड़ने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि UPI आज दुनिया का सबसे कुशल भुगतान ढांचा है। हम स्वास्थ्य और कल्याण से लेकर समावेश और सशक्तिकरण तक शासन के सभी क्षेत्रों में जीवन को बदलने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।
दूसरा, हम भारत के लिए अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। हम छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की राह पर हैं। हम 5G, IoT और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में क्षमताओं को विकसित करने में निवेश कर रहे हैं।
पीएम ने तीसरा बिंदु गिनाते हुए कहा कि भारत मजबूत आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है। हमारे पास दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप इको-सिस्टम है। हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न आ रहे हैं। भारत में सेमी-कंडक्टर की अपनी खपत 2026 तक 80 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है।
चौथा, हमने भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार के लिए व्यापक सुधार किए हैं। पिछले साल, हमने 25,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया और लाइसेंसों के ऑटो-नवीनीकरण की दिशा में जोर दिया। डिजिटलीकरण भी नियामक ढांचे में गति और पारदर्शिता ला रहा है।
और पांचवां, हम 21वीं सदी की जरूरतों के लिए युवा भारतीयों के कौशल और प्रशिक्षण में भारी निवेश कर रहे हैं। हमारे पास एक असाधारण सेमी-कंडक्टर डिज़ाइन टैलेंट पूल है जो दुनिया के 20% सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इंजीनियरों को बनाता है।