Mon, Dec 29, 2025

Income Tax Department: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लागू की नई सुविधा, जानें इससे कैसे मिलेगा टैक्सपेयर्स को फायदा

Written by:Rishabh Namdev
Published:
Income Tax Department: आयकर विभाग ने एक नई विशेषता को शामिल किया है। अब करदाता भी अपनी सूचना पुष्टि प्रक्रिया की स्थिति को जांच सकेंगे। दरअसल सीबीडीटी ने इस नए सिस्टम के माध्यम से आशा जताई है कि टैक्सपेयर्स को एआईएस में जानकारी प्रदान करके ट्रांसपेरेंसी में सुधार होगा।
Income Tax Department: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लागू की नई सुविधा, जानें इससे कैसे मिलेगा टैक्सपेयर्स को फायदा

Income Tax Department: देश में इस समय इनकम टैक्स रिटर्न भरने का काम किया जा रहा है। वहीं इसके लिए देश का इनकम टैक्स विभाग नियमित अधिसूचनाएं भी जारी करता है। दरअसल आयकर विभाग ने वार्षिक सूचना बयान (एन्यूअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट) में एक नई विशेषता को शामिल किया है, जिससे अब करदाता भी अपनी सूचना पुष्टि प्रक्रिया की स्थिति को जांच सकेंगे। वहीं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) के बयान के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग ने एन्यूअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट में सूचना पुष्टि प्रक्रिया की स्थिति दिखाने के लिए एक नया प्रणाली शुरू की है।

जानिए क्या है यह नया सिस्टम?

दरअसल कई सूचना स्रोतों से आई वित्तीय आंकड़ों की जानकारी के आधार पर तैयार किया जाने वाला एआईएस नया प्रणाली जोड़ा गया है। यह प्रणाली टैक्सपेयर के वित्तीय लेन-देन की विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जिसमें टैक्स के संबंध में असर होने वाली लेन-देन की फीडबैक शामिल होती है। इस प्रणाली में, टैक्सपेयर को हर लेन-देन पर फीडबैक देने का विकल्प उपलब्ध है, जो उसे जानकारी के स्रोत की सटीकता को जांचने में मदद करता है। इसमें, गलत रिपोर्टिंग के मामलों में, स्रोत से स्वतः पुष्टि के लिए जानकारी को ऑटोमैटिक रूप से सत्यापित किया जाता है।

वहीं सीबीडीटी के बयान के अनुसार, यह नई प्रणाली प्रकट करेगी कि क्या टैक्सपेयर के द्वारा प्रदान किए गए फीडबैक को स्रोत द्वारा आंशिक या पूर्णतः स्वीकृत या अस्वीकृत किया गया है, और उसके अनुसार कार्रवाई की गई है। यदि किसी भी स्वीकृति में आंशिक या पूर्णतः स्वीकृति है, तो जानकारी को सही करने के लिए स्रोत द्वारा कोरेक्शन स्टेटमेंट जमा किया जाना आवश्यक है।

ट्रांसपेरेंसी में होगा सुधार:

दरअसल सीबीडीटी ने इस नए सिस्टम के माध्यम से आशा जताई है कि टैक्सपेयर्स को एआईएस में जानकारी प्रदान करके ट्रांसपेरेंसी में सुधार होगा। यह एक और पहल है जो आयकर विभाग की सेवाओं में सुगमता और उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाएगा।