नई दिल्ली/भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपये मूल्य के बेनामी शेयर जब्त किए हैं। रतुल हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं। रतुल पहले से कर अपवंचना और धन शोधन के आरोपों में कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं।
आयकर विभाग का आरोप है कि 254 करोड़ रुपये का निवेश समूह की एक अन्य कंपनी एचईपीसीएल द्वारा सौर पैनलों के आयात का अधिक बिल दिखाकर किया गया। इसके लिए दुबई के राजीव सक्सेना की एक कागजी कंपनी की मदद ली गयी। सक्सेना अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी है, उसे जनवरी में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में सक्सेना को गिरफ्तार कर चुका है, जबकि रतुल पुरी से मामले में पूछताछ चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अधिनियम की धारा 24(3) के तहत विभाग के दिल्ली स्थित कार्यालय ने इन शेयर या ‘गैर-संचयी अनिवा��्य तौर पर परिवर्तनीय प्राथमिकता शेयर’ (सीसीपीएस) को जब्त करने का अस्थायी आदेश जारी किया।यह राशि ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के तौर पर स्वीकार की गयी। ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर का संबंध रतुल पुरी के पिता दीपक पुरी द्वारा प्रवर्तित कंपनी मोजर बेयर से है।
दुबई से होता है रतुल की शेल कंपनी का संचालन
आयकर अधिकारी ने बताया कि बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन एक्ट के तहत रतुल के नाम पर बेनामी शेयर को जब्त करने का प्रोविजनल ऑर्डर जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि यह राशि ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. में एफडीआई निवेश के जरिए हासिल हुई। एक अन्य कंपनी एचईपीसीएल के नाम पर उन्होंने सौर पैनल आयात करने के लिए ज्यादा चालान बनाए और उसके जरिए 254 करोड़ कमाए। यह रतुल की एक शेल कंपनी है, जिसका संचालन दुबई में राजीव सक्सेना करता था। वह भी इस अगस्ता वेस्टलैंड (हेलिकॉप्टर) घोटाले का आरोपी है और ईडी की गिरफ्त में है।