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Sat, Dec 20, 2025

महाराष्ट्र डिप्टी CM के बेटे श्रीकांत शिंदे और मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग ने भेजा नोटिस, विपक्ष ने उठाए सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला

Written by:Ronak Namdev
Published:
एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे और मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग ने नोटिस भेजकर महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। शिंदे गुट के मंत्री की आय में बढ़ोतरी को लेकर भी काफी सवाल उठे हैं। जानिए इस नोटिस के पीछे की कहानी
महाराष्ट्र डिप्टी CM के बेटे श्रीकांत शिंदे और मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग ने भेजा नोटिस, विपक्ष ने उठाए सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में एक बार फिर बवंडर उठता नजर आ रहा है। दरसल डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को आयकर विभाग ने नोटिस भेजी है। साथ ही, शिंदे गुट के बड़े नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट को भी नोटिस मिली है। शिरसाट की आय में अचानक बढ़ोतरी को लेकर विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है। ये खबर बाहर आते ही पॉलिटिकल गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। शिंदे गुट के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

आयकर विभाग ने संजय शिरसाट से उनकी आय के स्रोत और हाल के बढ़े हुए इनकम के बारे में डिटेल्स मांगी हैं। दूसरी तरफ, श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस मिलने की बात सामने आई है, हालांकि इसकी डिटेल्स अभी साफ नहीं हैं। ये नोटिस ऐसे वक्त में आए हैं, जब महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार चल रही है। शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि वो इस मामले में पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन विपक्ष इसे मौके की तरह देख रहा है। इसने पॉलिटिक्स को और गर्म कर दिया है।

आयकर नोटिस का पॉलिटिकल कनेक्शन

ये नोटिस सिर्फ पर्सनल मसला नहीं, बल्कि पॉलिटिक्स से भी जुड़ा है। महाराष्ट्र में बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की महायुति सरकार है। हाल ही में विधानसभा चुनावों में इस गठबंधन को बड़ी जीत मिली थी, विपक्ष, खासकर शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार), इस मौके को भुनाने की कोशिश में है। कुछ लोग इसे सियासी साजिश बता रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि ये रूटीन जांच है। एकनाथ शिंदे के गुट ने साफ किया कि वो हर सवाल का जवाब देंगे और पारदर्शिता बरतेंगे।

शिंदे गुट पर बढ़ता दबाव

2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई थी। तब से उनकी पार्टी और महायुति पर विपक्ष के तीखे हमले होते रहे हैं।पहले ही कई बार सियासी विवादों में फसने के बाद अब ये नोटिस नई मुसीबत बन सकती है। खासकर संजय शिरसाट, जो शिंदे के करीबी हैं और छत्रपति संभाजीनगर से बड़े नेता हैं, उनके खिलाफ जांच ने गठबंधन के भीतर भी सवाल उठाए हैं। वहीं, श्रीकांत शिंदे का नाम आने से मामला और सेंसिटिव हो गया है। आने वाले दिन दिखाएंगे कि ये नोटिस सियासत को किस दिशा में ले जाती है।