नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। उनकी उम्र हमारे आज़ाद भारत से 30 साल ज्यादा थी। वे 105 साल के थे और वे हमारे स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता थे। उन्हें चुनाव आयोग ने भी अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था। हम बात कर रहे हैं आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी (Shyam Saran Negi) की, जिनका आज सुबह निधन हो गया। उनके निधन से इलाके में शोक का माहौल है और जिला प्रशासन उनसे ससम्मान विदाई की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
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आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई, 1917 को हुआ था। वे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर कल्पा गांव में जन्में और उन्होने एक शिक्षक के रूप में कार्य किया। देश में पहली बार 1951 में हुए लोकसभा चुनाव में सबसे पहला वोट उन्होने ही डाला था। 1947 में आजादी के मिलने के बाद 1951-52 में भारत में पहली बार चुनाव कराए गए। वैसे तो फरवरी-मार्च 1952 में वोट डाले जाने थे लेकिन हिमाचल में बर्फबारी की संभावना के कारण कुछ महीने पहले ही मतदान करा लिया गया। इसी दौरान श्याम सरण नेगी ने 25 अक्टूबर 1951 को भारत के पहले मतदाता के रूप में मतदान किया। हाल ही में 2 नवंबर को उन्होने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना आखिरी वोट भी डाक मतपत्र के जरिए डाला। इस दौरान वो चर्चाओं में भी आए थे। दरअसल उन्होने निर्वाचन अधिकारी को 12-D फॉर्म लौटा दिया था और ये कहा था कि वे खुद वोटिंग बूथ पर जाकर अपना वोट डालेंगे। लेकिन इस बीच उनकी तबियत बिगड़ गई और फिर उनसे पोस्टव वोट डलवाया गया। ये उन्होने अपने जीवन में 34वीं बार वोट डाला था।
श्याम सरण नेगी 16 लोकसभा और 14 विधानसभा चुनाव में मतदान कर चुके हैं। वे पंचायत चुनावों में भी वो वोट देने जाते। चुनाव आयोग ने मतदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था। उनका कहना था कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सभी तो मतदान करना चाहिए। वे पीएम मोदी के प्रशंसक थे और कुछ समय पहले उन्होने एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी की काफी प्रशंसा की थी। उनका जाना एक युग का समाप्त होना है और कई मंत्री व नेता उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।